जम्मू दुष्कर्म मामले में 28 साल बाद पीड़िता को मिला इंसाफ, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अब्दुल हमीद के खिलाफ आरोप तय किए
जम्मू में 1996 के एक दुष्कर्म मामले में 28 साल बाद पीड़िता को इंसाफ मिला। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी अब्दुल हमीद के खिलाफ आरोप तय किए। अदालत ने पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर यह फैसला सुनाया।

पीड़िता ने लंबे इंतजार के बाद इंसाफ मिलने पर खुशी जताई।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसएचओ की स्टेटस रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्होंने गिरफ्तारी वारंट के बारे में जानकारी मांगी है, जबकि वारंट जारी करने वाली अदालत से वारंट प्राप्त करने की जानकारी नहीं दी गई है।
कोर्ट ने इसे अविश्वसनीय व भ्रामक करार देते हुए एसएचओ को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर 2025 को होगी जिसमें अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। आरोपित अब्दुल हमीद जिला जेल अंबफला में है जहां उससे आरोप पत्र पर हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
25 वर्ष से फरार आरोपित काबू
झज्जरकोटली पुलिस ने लापरवाही से वाहन चला कर व्यक्ति को मारने (गैर इरादतन हत्या) के आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित नवीन कौसा निवासी रोपड़, पंजाब इस मामले में बीते 25 वर्ष से फरार था। आरोपित को आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार यह हादसा 27 वर्ष पूर्व हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित नवीन को गिरफ्तार किया था। वर्ष 1999 में उसे कोर्ट ने जमानत मिलने के बाद से वह मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट पेश नहीं हुआ था।
जिसके चलते कोर्ट ने उसे भगोड़ा करार देकर पुलिस को उसे कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के निर्देश पर झज्जरकोटली पुलिस की टीम पंजाब रवाना हुई और आरोपित को वहां गिरफ्तार कर जम्मू लाया गया।

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