Swachh Survekshan 2022: स्वच्छता की दौड़ में 30 कदम फिसल गया जम्मू, कालाकोट को तेजी से बदलते शहर का पुरस्कार
जम्मू की रैंकिंग और बिगड़ गई। दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में जम्मू की स्वच्छता रैंकिंग 169 से लुढ़ककर 199 पर पहुंच गई। जम्मू का स्वच्छता स्कोर 2983.32 अंक रहा। श्रीनगर शहर 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 41वें स्थान पर रहा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : स्वच्छता की दौड़ में पिछले दो साल तक सुधार की राह पर चलने वाला जम्मू शहर एक बार फिर पिछड़ गया है। केंद्रीय आवास व शहरी मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू नगरनिगम पिछले साल की तुलना में 30 कदम नीचे लुढ़क गया। स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल मंदिरों के शहर की रैंकिंग को 100 से कम लाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन नतीजे इसके विपरीत आए। जम्मू कश्मीर के अन्य शहरों की स्थिति भी कमोबेश इससे जुदा नहीं है।
कचरा निस्तारण की ठोस नीति, जल निकासी, हर घर से कचरा उठाने के दावे धरे रह गए। इससे जम्मू की रैंकिंग और बिगड़ गई। दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में जम्मू की स्वच्छता रैंकिंग 169 से लुढ़ककर 199 पर पहुंच गई। जम्मू का स्वच्छता स्कोर 2983.32 अंक रहा। श्रीनगर शहर 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 41वें स्थान पर रहा और उसका स्वच्छता स्कोर भी जम्मू के आसपास ही 2986.72 अंक रहा। इस सर्वेक्षण की शुरुआत वर्ष के शुरू में हुई थी और जम्मू नगर निगम ने रैंकिंग में सुधार के बड़े-बड़े दावे भी किए थे।
जम्मू की रैंकिंग
2017 251
2018 212
2019 329
2020 224
2021 169
2022 199
इन मापदंडों के आधार पर होती है रैंकिंग
- घर-घर से कचरा उठाना
- सड़कों की सफाई
- सार्वजनिक शौचालयों की सफाई
- शहर का सौंदर्यीकरण
- बाजारों में साफ-सफाई
- रिहायशी क्षेत्रों में साफ-सफाई
- नालियों की सफाई
- जलस्रोतों की स्वच्छता
- खुले कूड़ा निस्तारण स्थल
- जन शिकायत निवारण तंत्र
स्वच्छता सर्वेक्षण में जम्मू नगर निगम ने तीन अंक से दो अंक में आने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए नगरनिगम ने काम भी बहुत किया लेकिन कहां कमी रह गई, इसकी पूरी समीक्षा की जाएगी। जम्मू नगर निगम ने लगभग हर क्षेत्र में सुधार किया है। देखा जाएगा कि हमारे पिछड़ने के क्या कारण रहे। चंद्रमोहन गुप्ता, कार्यवाहक मेयर, जम्मू
जम्मू को इन क्षेत्रों में मिले इतने अंक
घर-घर से कचरा उठाना: 90 प्रतिशत या अधिक
सड़कों की साफ-सफाई करवाना: 90 प्रतिशत या उससे अधिक
सार्वजनिक शौचालयों की सफाई करवाना: 50 से 75 प्रतिशत
शहर का सौंदर्यीकरण : 75 से 90 प्रतिशत
बाजारों में साफ-सफाई : 90 प्रतिशत या अधिक
रिहायशी क्षेत्रों में सफाई : 90 प्रतिशत या अधिक
नालियों की सफाई : 50 से 75 प्रतिशत
जलस्रोतों के लिए स्वच्छता: 90 प्रतिशत या उससे अधिक
कूड़ा निस्तारण स्थल : 90 प्रतिशत या अधिक
जन शिकायत निवारण तंत्र : 50 से 75 प्रतिशत
यहां पिछड़ा जम्मू
सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई
नालियों की सफाई
जन शिकायत निवारण तंत्र
राजौरी के कालाकोट को तेजी से बदलते शहर का पुरस्कार
राजौरी : स्वच्छता सर्वेक्षण में राजौरी के कालाकोट कस्बे को उत्तर भारत में सबसे तेज सुधरते शहर के तहत प्रथम पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नगरपालिका की भूमिका के लिए दिया गया। कालाकोट को 15 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में यह पुरस्कार दिया गया। नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) मुहम्मद कासिम ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। जम्मू कश्मीर को केवल एक ही पुरस्कार मिला है। मुहम्मद कासिम ने कहा कि दो दिन तक दिल्ली में चले कार्यक्रम में हमारी टीम ने ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन पर कई सुझाव दिए।