Updated: Tue, 03 Jun 2025 03:22 PM (IST)
Jammu Kashmir News जम्मू में मां राघेन्या का दरबार सज गया है। माता राघेन्या के अवतरण दिवस पर 30 हजार दीपों से मंदिर रोशन होगा। 1990 में घाटी से विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं ने भवानी नगर में मंदिर बनाया। यहां क्षीर भवानी मेला लगेगा जहाँ कश्मीरी हिंदू माता की आराधना करेंगे। है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। मां राघेन्या के अवतरण दिवस मंगलवार को है, जिसे लेकर गांदरबल जिले के तुलमुला इलाके में स्थित मां राघेन्या के प्राचीन मंदिर की तर्ज पर जम्मू शहर के भवानी नगर में स्थित माता का दरबार भी सज गया है।
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अवतरण दिवस पर पूजा के लिए करीब 30 हजार दीप बनाए गए है, जिन्हें जलाकर श्रद्धालु पूरे मंदिर परिसर को रोशन करेंगे। वर्ष 1990 में घाटी से विस्थापित होकर जम्मू आए कश्मीरी हिंदुओं ने जानीपुर के भवानी नगर में भी मां राघेन्या का मंदिर बनाया है। यहां भी जलीय कुंड स्थापित किया गया। तीन जून को माता राघेन्या का अवतरण दिवस है और इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।
मंदिर परिसर में क्षीर भवानी मेला लगेगा। कश्मीरी हिंदू जो घाटी नहीं जा पाए वह यहां मंदिर में आकर माता की अराधना करेंगे और जलीय कुंड में प्रसाद व फूल प्रवाहित करेंगे।
अर्द्ध रात्रि महा राघेन्या सेवा संस्थान ने 30 हजार दीपकों का प्रबंध किया है। संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी अजय रैना ने बताया कि माता के अवतरण दिवस पर मंगलवार सुबह पांच बजे से पूजा-अर्चना और यज्ञ शुरू हो जाएगा।
पूजा-अर्चना के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन कर दिया गया है। सुरक्षा, पेयजल व्यवस्था, बिजली की उपलब्धता के लिए प्रशासन पूरा सहयोग देगा। वर्ष 1989-90 में आतंकवाद बढ़ने पर कश्मीरी हिंदुओं को घाटी से जान बचाकर भागना पड़ा था। अधिकांश कश्मीरी हिंदू जम्मू व आसपास आकर बस गए।
इन्होंने ही घाटी के तुलमुला स्थित मां राघेन्या मंदिर की तर्ज पर जम्मू के जानीपुर इलाके के भवानी नगर में मां का मंदिर बनाया। अब इस मंदिर में भी माता के अवतरण दिवस पर मेला लगता है। मां राघेन्या के प्रति कश्मीरी हिंदुओं में अपार आस्था मां राघेन्या को ही मां क्षीर भवानी भी कहते हैं।
कश्मीरी हिंदुओं की मां राघेन्या के प्रति खूब आस्था है। भवानी नगर निवासी वीरेंद्र रैना ने बताया कि मां राघेन्या श्रीलंका से हनुमान जी के कंधे पर सवार होकर कश्मीर आई थीं। कई जगह पड़ाव डालने के बाद वे तुलमुला पहुंचीं, जहां कश्मीरी हिंदुओं ने माता का खूब स्वागत-सत्कार किया।
कश्मीर में माता के कई मंदिर हैं। ज्येष्ठ अष्टमी पर कश्मीर में स्थित माता के सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है। अब कश्मीरी हिंदू हर वर्ष माता के अवतरण दिवस पर घाटी पहुंचकर क्षीर भवानी मेले में शामिल होते हैं। इसी तर्ज पर मेला जम्मू में भवानी नगर मंदिर परिसर में भी लगेगा।
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