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    जम्मू-कश्मीर में बारिश के बीच LG की बैठक, बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की; बिजली-सड़क बहाली के दिए निर्देश

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित निकालने और आवश्यक सेवाएं बहाल करने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग को बिजली आपूर्ति बहाल करने एनएचएआई को सड़कों की मरम्मत करने और स्वास्थ्य विभाग को जलजनित रोगों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

    By naveen sharma Edited By: Anku Chahar Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:59 PM (IST)
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    उपराज्यपाल ने बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव कदम उठाने और बिजली, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ पेयजल, राशन और दूरसंचार जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को सुनिश्चित बनाने का निर्देश दिया।

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    आज यहां राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में बचाव एवं राहत कार्यों, आवश्यक सेवाओं की बहाली और बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उपराज्यपाल ने बिजली आपूर्ति और बिजली के बुनियादी ढांचे क बहाली के लिए विद्युत विभाग को एनएचपीसी लिमिटेड और पावर ग्रिड कंर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।

    संबधित अधिकारियों ने बताया कि आज शाम को राजभवन में हुई इस बैठक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश की सड़कों को बहाल करने में लोक निर्माण विभाग की सहायता करने का आह्वान किया।

    बैठक में उपराज्यपाल ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में त्वरित कार्रवाई करके बहुमूल्य जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, सीएपीएफ, जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ के प्रयासों की सराहना की ।

    उपराज्यपाल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाधित आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने का निर्देश देते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तु की आपूर्ति और दवाओं का पर्याप्त भंडार होना चाहिए।

    उन्होंने सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों, यातायात के वैकल्पिक मार्गों को बहाल करने और जल जनित रोगों के रोगियों के आने की स्थिति में अस्पतालों मे आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा।

    उपराज्यपाल ने जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जलभराव और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, विशेष रूप से दूरदराज और पहाड़ी बस्तियों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने और नियमित जल आपूर्ति अवसंरचना को बहाल करने का निर्देश दिया।

    उन्होंने स्वास्थ्य सचिव, लोक निर्माण विभाग (आर एंड बी), खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और विद्युत विकास विभाग को जम्मू संभाग में रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी छुट्टी नहीं लेगा या स्टेशन नहीं छोड़ेगा।

    उपराज्यपाल ने गैर-जरूरी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कलेज अगली सूचना तक बंद रखने और प्रत्येक जिले में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों की सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष चौबीस घंटे कार्यरत बनाए रखने का भी निर्देश दिया।

    उनहोंने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया दल संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से तैनात होने चाहिए और अन्य टीमें पर्याप्त रूप से सुसज्जित होनी चाहिए और आपात स्थिति में कुछ ही घंटों में तैनात होने के लिए तैयार होनी चाहिए।

    बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा,एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष यादव, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, 15कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव, जलशक्ति विभाग में अतिरिक्त सचिव शालीन काबरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उपराज्चपाल के प्रधान सचिव डा मंदीप भंडारी, जम्मू रेल मंडल के प्रबंधक विवेक कुमार, जेएमसी के कमीशनर देवांश यादव, आयुक्त जेएमसी,26 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल मुकेश बनवाला, जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार, कश्मीर के मंडलायुक्त अंशुल गर्ग, सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव, सेना, सीएपीएफ, वायुसेना, एनएचएआई, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के प्रमुख और डीसी शामिल हुए।