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    Jammu News: बैक टू विलेज का पांचवां चरण आज से होगा शुरू, 37 IAS अधिकारी तैनात; आम जन को मिलेगा ये लाभ

    By rohit jandiyalEdited By: Shubham Sharma
    Updated: Tue, 07 Nov 2023 06:45 AM (IST)

    जम्मू में सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर सभी जिला उपायुक्तों को सात दिनों तक चलने वाले इस बैक टू विलेज अभियान का कार्यक्रम बनाकर अधिकारियों को उसी के अनुसार दौरे करने को कहा है। सरकार ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को इस पूरे प्राेग्राम का नोडल विभाग बनाया है। पूरे प्रोग्राम का समन्वय ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग करेगा।

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    बैक टू विलेज का पांचवां चरण आज से होगा शुरू।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के द्वार तक प्रशासन को पहुंचाने के मकसद से शुरू किए गए बैक टू विलेज कार्यक्रम का पांचवां चरण मंगलवार यानी आज से शुरू हो हो रहा है। इसके लिए सरकार ने 37 आईइएस अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया है और सभी अधिकारियों को प्रभारियों का पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।

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    इसके अलावा सभी जिलों में दौरे करने के लिए आईएएस के अलावा जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं के 512 और भारतीय वन सेवाओं के 28 अधिकारियों की डयूटी लगाई है। वहीं, मुख्य सचिव ने भी सोमवार को तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

    अधिकारियों को दौरे करने का आदेश

    सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर सभी जिला उपायुक्तों को सात दिनों तक चलने वाले इस अभियान का कार्यक्रम बनाकर अधिकारियों को उसी के अनुसार दौरे करने को कहा है। आदेश के अनुसार, गृह विभाग में वित्त आयुक्त आरके गोयल को जम्मू, जल शक्ति विभाग में वित्त आयुक्त शालीन काबरा को रियासी, इम्पा में महानिदेशक बिपूल पाठक को सांबा, प्रशांत गोयल को उधमपुर में जाने को कहा है।

    33 अन्य आईइएस अधिकारियों की भी अलग-अलग जगह पर डयूटी लगाई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं और भारतीय वन सेवाओं के अधिकांश अधिकारियों को भी इस कार्यक्रम के तहत तय जिलों में जाने को कहा है। सरकार ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को इस पूरे प्राेग्राम का नोडल विभाग बनाया है। पूरे प्रोग्राम का समन्वय यहीं विभाग करेगा।

    75 अधिकारियों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी

    योजना, विकास और निगरानी विभाग इसमें ग्रामीण विकास विभाग की सहायता करेगा। योजना विभाग इस पूरे कार्यक्रम का मूल्यांकन भी करेगा। संबधित जिला उपायुक्त इसमें उनकी सहायता करेंगे। विभाग के कुल 75 अधिकारियों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें कुल पंचायतों के बीस प्रतिशत का कम से कम मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार करनी है।

    सरकार ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को प्रभारी अधिकारियों का पूरा सहयोग करने को कहा है।अगर कोई भी विभाग इसमें सहयोग नहीं करता है तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा। इसकी रिपोर्ट संबंधित एसडीएम और जिला मजिस्ट्रेट को की जाएगी। योजना विभाग को सभी विभागों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। सरकार के 35 विभागों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें अलग-अलग कामदिए गए हैं और प्रभारी अधिकारियों को पूरा सहयोग करने को कहा गया है।

    मुख्य सचिव ने की समीक्षा

    मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने सोमवार को बैक टू विलेज प्रोग्राम के पांचवें चरण की तैयारियों की समीक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बैक टू विलेज कार्यक्रम के पिछले संस्करणों ने सेवा वितरण में सुधार, बुनियादी ढांचे की कमियों को पाटने और अंतिम मील तक योजनाओं का वितरण सुनिश्चित करने में मदद की है।

    उन्होंने कौशल विकास और स्वरोज़गार योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों विशेषकर युवाओं और महिलाओं की पहचान करने में भी मदद की है। उन्होंने कहा कि प्रभारी अधिकारियों को अपने काम को गंभीरता से लेना चाहिए और जनता के साथ बातचीत करने के लिए अपनी-अपनी पंचायतों का दौरा करना चाहिए और पिछले और वर्तमान वर्ष के कामों की समीक्षा करनी चाहिए। ई-सेवाओं में सुधार के संबंध में विशेष ध्यान देने के साथ अगले वर्ष के ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम की तैयारी करनी चाहिए।

    सरकार और लोगों के बीच की खाई को पाटना लक्ष्य

    मुख्य सचिव ने कहा कि बैक टू विलेज का यह संस्करण अन्य बातों के अलावा स्वरोज़गार योजनाओं की संतृप्ति, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की प्रगति, वृद्धावस्था पेंशन योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं की संतृप्ति, खेल, संस्कृति की उपलब्धि पर प्रगति, उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित करेगा।

    गांवों में बिजली की आपूर्ति के साथ-साथ कई अन्य मापदंडों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रभारी अधिकारियों को एक पुस्तिका वितरित की जा रही है। डा. मेहता ने उपायुक्तों से कहा कि वे अपने जिलों में उनकी महसूस की गई आवश्यकताओं के अनुसार चरणबद्ध कार्य करें। इसका आयोजन 7 से 16 नवंबर तक किया जाएगा जिसका मुख्य उद्देश्य सेवाओं को संतृप्त करना और सरकार और लोगों के बीच की खाई को पाटना है।

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