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    Jammu News: जुगाड़ पर चल रहा बिजली निगम, खाली पड़े आठ हजार से ज्यादा पद, भरने का कोई नाम नहीं

    पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट से पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड में तब्दील हुए बिजली निगम में सब कुछ जुगाड़ से चल रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कारपोरेशन में 8500 पद खाली पड़े हैं जिनकों भरने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 15 Feb 2023 12:04 PM (IST)
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    कारपोरेशन में 8500 पद खाली पड़े हैं

    राहुल शर्मा, जम्मू: पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट से पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड में तब्दील हुए बिजली निगम में सब कुछ जुगाड़ से चल रहा है। कारपोरेशन तो बन गया है, लेकिन व्यवस्था अभी भी काम चलाऊ ही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कारपोरेशन में 8500 पद खाली पड़े हैं, जिनकों भरने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है।

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    इतना ही नहीं पूरे जम्मू व कश्मीर संभाग का दायित्व संभालने वाले चीफ इंजीनियर का वेतन अपने अधीनस्थ जूनियर इंजीनियर के बराबर है। इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावी हो रही है, जिसका सीधा असर कारपोरेशन के कामकाज पर हो रहा है।

    अतिरिक्त बोझ से बचने के लिए किया जुगाड़

    दरअसल, जम्मू व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड में चीफ इंजीनियर के 15 पद हैं। इन पदों पर नियुक्त चीफ इंजीनियरों का वास्तविक पद जूनियर इंजीनियर या फिर असिस्टेंट इंजीनियर का है। वे इसलिए कि अगर वे इंजीनियर को कार्यभार के अनुसार पद देते तो उन्हें वेतनमान भी उसी पद के बरामद देना पड़ता है।

    इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ बढ़ता। इससे बचने के लिए ही सरकार ने विभागीय कामकाज को जुगाड़ से चलाने का नया तरीका निकाला और इंजीनियरों को उसके वास्तविक पद से अगले पद पर इंचार्ज लगाकर पदोन्नत करना शुरू कर दिया।

    कई बार सरकार के समक्ष जताया रोष

    जेएंडके इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एसोसिएशन हमेशा इसका विरोध करता आ रहा है। इस बारे में कई बार सरकार के समक्ष अपना रोष भी जा चुके हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंचार्ज चीफ इंजीनियर ट्रेडिंग के पद पर कार्यरत सुरेश चंद्र बसनोत्रा का वास्तविक पद व वेतनमान जूनियर इंजीनियर के बराबर का है।

    जम्मू व कश्मीर में नियुक्त 15 इंचार्ज चीफ इंजीनियरों में एक जूनियर इंजीनियर, जबकि 14 असिस्टेंट इंजीनियर हैं। इससे पहले इन पदों से सेवानिवृत्त होने वाले इंजीनियर भी इसी जुगाड़ का हिस्सा थे।

    कई महीनों से खाली पड़े पद

    सेवानिवृत्त होने के बाद इन अधिकारियों को पेंशन भी जूनियर इंजीनियर या फिर असिस्टेंट इंजीनियर के वेतनमान के अनुसार ही मिलेगी। वहीं कश्मीर में चीफ इंजीनियर ट्रांसमिशन और एमडी ट्रांसमिशन का पद कई महीनों से खाली पड़ा हुआ है।

    इन पदों को भरने के बजाय इन दोनों पदों की जिम्मेदारी इंचार्ज सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर अशमत काजी को दी गई है। इसी तरह जम्मू संभाग में भी चीफ इंजीनियर प्रोक्योरमेंट का पद खाली पड़ा हुआ है। इसका दायित्व इंचार्ज चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट मनहर गुप्ता संभाल रहे हैं।