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    प्रशासन की लापरवाही से खंडहर बना जम्मू का भगवती नगर एम्युजमेंट पार्क, चोरों और नशेड़ियों के अड्डे में हुआ तब्दील

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 06:11 PM (IST)

    जम्मू के भगवती नगर इलाके में करोड़ों की लागत से बना एम्युजमेंट पार्क आज उपेक्षा का शिकार है। देखरेख के अभाव में यह खंडहर में तब्दील हो गया है। चोरों ने उपकरण चुरा लिए हैं और पार्क नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पार्क को फिर से विकसित करने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

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    चोरों और नशेड़ियों का अड्डा बना करोड़ों की लागत से बना भगवती नगर एम्युजमेंट पार्क (प्रतीकात्मक फोटो)

    दिनेश महाजन, जम्मू। भगवती नगर इलाके में करोड़ों रुपये की लागत से तैयार किया गया एम्युजमेंट पार्क आज बदहाली और उपेक्षा की कहानी कह रहा है। करीब 30 कनाल भूमि पर पर्यटन विभाग ने वर्ष 2014-15 में इस पार्क के निर्माण की शुरुआत की थी।

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    वर्ष 2021 में इसे आम जनता के लिए तैयार किया गया। उस समय इस पार्क को जम्मू शहर का आधुनिक मनोरंजन स्थल बताया गया था। मगर कुछ ही वर्षों में रखरखाव और सुरक्षा की अनदेखी ने इसे खंडहर बना दिया।

    पार्क के निर्माण में स्टील की रेलिंग, लोहे का सौंदर्यीकरण, आरामदायक कुर्सियां, शौचालयों में महंगी फिटिंग, पंखे, पावर कूलर और अन्य मूल्यवान उपकरण लगाए गए थे। हरियाली के लिए कई किस्म के महंगे पौधे और फलदार पेड़ भी लगाए गए थे ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बेहतर वातावरण मिल सके।

    लेकिन अब वहां न तो हरियाली बची है, न ही बुनियादी सुविधाओं का कोई नामोनिशान। चोरों ने पार्क से महंगे उपकरण, लोहे का सामान और शौचालयों की फिटिंग तक उखाड़ ली। ठंडे पानी के लिए लगाए गए कूलर तक गायब कर दिए गए।

    पार्क की मौजूदा स्थिति यह है कि कभी परिवारों और बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाए गए इस पार्क में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क अब नशेड़ियों का गढ़ बन चुका है।

    अंधेरा होते ही यहां असुरक्षा का माहौल पैदा हो जाता है, जिस कारण आम लोग वहां जाने से कतराते हैं। पर्यटन विभाग ने शुरुआती दिनों में पार्क की सुरक्षा के लिए निजी गार्ड तैनात किए थे, मगर कुछ ही समय बाद उन्हें हटा दिया गया। उसके बाद से पार्क पूरी तरह चोरों और नशेड़ियों के हवाले हो गया।

    अमरनाथ यात्रियों के ठहरने के लिए भगवती नगर में बनाए गए आधार शिविर के नजदीक बने इस पार्क परिसर में निर्मित बहुमंजिला इमारत में सीआरपीएफ के जवानों को ठहराया गया था। उस समय यह पार्क उपयोग में रहा, लेकिन यात्रा समाप्त होने के बाद यहां वीरानी छा गई। धीरे-धीरे यह वीरानी उपेक्षा में बदल गई और आज पार्क खस्ताहाल स्थिति में है।

    वार्ड नंबर 31 के पूर्व कारपोरेटर सूच्चा सिंह ने इस मामले में गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से जनता के लिए बनाया गया यह पार्क सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है। भगवती नगर से लेकर घो-मनासा तक यह अकेला बड़ा पार्क है, जहां लोग अपने परिवार के साथ समय बिता सकते थे।

    मगर पर्यटन विभाग ने इसे बस कुछ समय तक संभाला और बाद में पूरी तरह छोड़ दिया। अब यह चोरों और नशेड़ियों के कब्जे में है। सूच्चा सिंह का कहना है कि इस पार्क की मौजूदा स्थिति की जांच होनी चाहिए। यह देखा जाना जरूरी है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इसे बचाने और विकसित करने की पहल क्यों नहीं की गई। उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

    इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यटन विभाग, जम्मू के ज्वाइंट डायरेक्टर एजाज केसर ने कहा कि भगवती नगर में बने एम्युजमेंट पार्क का निर्माण उनके विभाग में आने से पहले हुआ था। मौजूदा स्थिति का पता लगाया जाएगा और जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस उम्मीद के साथ इस पार्क का निर्माण हुआ था, वह पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। जम्मू जैसे शहर में जहां परिवारों और बच्चों के लिए मनोरंजन स्थलों की पहले ही कमी है, वहां करोड़ों रुपये की लागत से बना यह पार्क अगर खंडहर में बदल जाए, तो यह जनता के साथ धोखा है।

    लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पार्क की स्थिति में सुधार लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं, इसे दोबारा विकसित कर जनता के लिए खोला जाए और सुरक्षा प्रबंधन सख्त किया जाए।