Jammu News: मनरेगा में हुई आठ करोड़ की गड़बड़ी, 10 दिन के भीतर जांच पूरी कर देनी होगी रिपोर्ट
जम्मू जिले में मनरेगा के तहत कार्यों में आठ करोड़ रुपये के घोटाले में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कार्यों का आडिट कराने का फैसला किया है। दूसरी ओर सरकारी मेडिकल कालेजों में विभिन्न विभागों के एचओडी की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने का आदेश धूल फांक रहा है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू जिले के ब्लाक भलवाल और मथवार में मनरेगा के तहत कार्यों में आठ करोड़ रुपये के कथित घोटाले का संज्ञान लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने संबंधित ब्लाकों में चिह्नित सभी कार्यों का आडिट कराने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने निदेशक सामाजिक आडिट मनरेगा का निर्देश दिया है कि वह सहायुक्त विकास जम्मू की रिपोर्ट में चिह्नित कार्यों की जांच के लिए दो डीआरपी डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन और दो अनुभवी वीआरपी विलेज रिसोर्स पर्सन उपलब्ध कराए। यह दल 10 दिन के भीतर जांच पूरी कर ग्रामीण विकास विभाग के सचिवायुक्त को अपनी रिपोर्ट देगा।
रिकार्ड जांच समिति को सौंपेने के आदेश
निदेशक सामाजिक आडिट को कथित घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को भी चिह्नित करने के लिए कहा गया है। इसके साथ मथवार और भलवाल ब्लाक विकास अधिकारियों को संबधित रिकार्ड भी जांच समिति को सौंपे के लिए कहा गया है।
ऐसा न करने पर उनके खिलाफ सहायुक्त विकास जम्मू को कार्रवाई के कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि सहायुक्त विकास जम्मू ने अपनी जांच में पाया है कि ब्लाक भलवल और मथवार में मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों में 8.62 करोड़ की गड़बड़ी हुई है।
धूल फांक रहा प्रतिबंध लगाने का आदेश
राज्य ब्यूरो, जम्मू: सरकारी मेडिकल कालेजों व डेंटल कालेजों में विभिन्न विभागों के एचओडी की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने का आठ वर्ष पहले जारी हुआ आदेश धूल फांक रहा है। इस आदेश को लागू करने के लिए विभाग ने कभी भी गंभीरता से प्रयास नहीं किए।
अब सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर आदेश को लागू कराने की मांग की है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 13 जनवरी, 2013 को आदेश जारी कर सभी सरकारी मेडिकल कालेजों व डेंटल कालेजों के एचओडी की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
नहीं हुआ कोर्ट के आदेश का असर
सरकार ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन आदेश को न्यायालय ने भी बरकरार रखा था। बावजूद किसी भी एचओडी की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग के पहले के आयुक्त सचिव यह कह चुके हैं कि निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध का कोई भी इरादा नहीं है।
उन्होंने मेडिकल कालेज के फैकल्टी सदस्यों पर ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध जरूर लगाया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश का कहना है कि उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एचओडी की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को लागू करने के लिए अनुरोध किया है।
पीजीआइ चंडीगढ़ के पूर्व डायरेक्टर डा. चावला की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने भी फैकल्टी सदस्यों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध की सिफारिश की थी, मगर कुछ नहीं हुआ।
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