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    मां के स्वागत के लिए जम्मू तैयार, आज से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र; मंदिरों के शहर में तैयारियां पूर्ण

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 03:00 AM (IST)

    जम्मू में शारदीय नवरात्र की धूम है। मंदिरों और घरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है। बावे वाली माता मंदिर और रघुनाथ मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बार नवरात्र 10 दिनों का है जिसमें भक्त माता दुर्गा की आराधना करेंगे। महाष्टमी और महानवमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा।

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    मां के स्वागत के लिए जम्मू तैयार, उपासना का पर्व आज से।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। मां के स्वागत के लिए जम्मू तैयार है। मंदिरों के साथ-साथ लोगों ने घरों की साफ-सफाई पूर्ण कर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। पूर्व संध्या पर बाजारों में काफी भीड़ रही। लोगों ने जमकर खरीदारी की। बावे वाली माता मंदिर, कौल कंडोली माता मंदिर, नगरोटा, चीची माता मंदिर नगरोटा, श्री रघुनाथ मंदिर और दूसरे प्रसिद्ध मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किए गए हैं।

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    लोगों ने दिनभर घरों में पूजा स्थलों की साफ सफाई की और नवरात्र के दौरान होने वाली पूजा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया। रविवार को नवरात्र के अनुष्ठान की तैयारी को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहा। बाजारों में भी पूजा सामग्री खरीदने वालों की भीड़ रही।

    लोगों ने कलश स्थापन में प्रयोग में किए जानेवाले कलश, चुनरी, नारियल, जौ, अगरबत्ती और पूजा की दूसरी सामग्री खरीदने वालों का भी दिन भर उत्साह बना रहा। पूजा सामग्री की दुकानों के अलावा कई लोगों ने दुकानों के बाहर पूजा सामग्री के स्टाल लगा रखे हैं। माता दुर्गा की मूर्तियां बेचने वालों ने भी कई स्थानों पर स्टाल लगाए हुए हैं।

    पुराने शहर के चौक चबूतरा, न्यू प्लाट, अम्बफला, परेड, पुरानी मंडी चौक, नगरोटा आदि स्थलों पर खरीददारी करने वालों का दिन भर तांता लगा रहा। मंदिरों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी दिन भर कार्य चलते रहे। इन मंदिरों को सज्जाने में श्रद्धालुओं का विशेष योगदान रहा। माता के मंदिरों को भव्यता के साथ सजाया गया तो वहीं, फूल मालाओं से मंदिरों का आकर्षण बढ़ाया गया है। मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है।

    कौल कंडोली मंदिर में पूजा कर रहे एक श्रद्धालु तीर्थ सोनू सैंसन ने कहा कि मंदिर में तो वह आते ही रहते हैं, लेकिन नवरात्र के दौरान हर दिन पूजा के लिए पहुंचेगे। सब कुछ माता का ही दिया हुआ है। इन नवरात्र में माता की घर में तो पूजा होगी ही मंदिर में आकर नियमित दर्शन करने की चाहत है।

    इस बार दस दिन तक होगी मां की उपासना आदिशक्ति की आराधना, उपासना, साधना व शक्ति संचयन का महापर्व, ऋतुओं के संधिकाल में पड़ने वाला शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा सोमवार 22 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है, जो महानवमी एक अक्टूबर तक रहेगा। इस प्रकार इस बार नवरात्र 10 दिनों का है।

    सोमवार को घर-घर में कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा का आह्वान किया जाएगा। 22 सितंबर को कलश स्थापना प्रात: छह बजे से दोपहर तक कभी की जा सकती है। इस बार अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:33 बजे से 12:23 बजे तक है। कलश स्थापना के लिए अमृत मुहूर्त प्रात: छह बजे से आठ बजे तक एवं सुबह 8:30 बजे से 10:30 बजे तक है। इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मैय्या इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसका फल अधिक वर्षा तथा माता गमन मानव कंधे पर हो रहा, जिसका फल अत्यंत लाभकारी एवं सुखदायक होता है।

    इस प्रकार माता का आगमन एवं गमन दोनों अति शुभकारी है। इसके साथ ही आश्विन शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि की वृद्धि से यह पक्ष 16 दिनों का है, जिससे यह पक्ष भी सुख-समृद्धि एवं शांति प्रदायक होगा। महाष्टमी व महानवमी व्रत 30 को नवरात्र में आश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि की वृद्धि है। महाष्टमी एवं महानवमी व्रत 30 सितंबर को किया जाएगा। महानवमी एक अक्टूबर को दिन में 2:37 बजे तक है।

    महानिशा पूजन 29/30 सितंबर की रात्रि अर्थात सप्तमी युक्त अष्टमी में होगा। संधि पूजन 30 सितंबर की मध्यरात्रि के बाद होगा। महाष्टमी व्रत का पारण एक अक्टूबर को दिन में 2:37 बजे के पूर्व कर लेना होगा, जबकि संपूर्ण नवरात्र व्रत का पारण दो अक्टूबर को प्रात: सूर्योदयोपरांत किया जाएगा। एक अक्टूबर को दिन में 2:37 बजे बाद दशमी तिथि लग जाएगी। आश्विन शुक्ल दशमी व श्रवण नक्षत्र के संयोग से विजय दशमी पर्व दो अक्टूबर को मनाया जाएगा। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन भी होगा।