जम्मू-कश्मीर किरायेदारी कानून 2025 पर वकीलों का विरोध, जम्मू हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
जम्मू-कश्मीर में वकीलों ने किरायेदारी कानून 2025 का विरोध किया है। जम्मू हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि इस कानून पर पुनर्विचार किया जाए। वकीलों का कहना है कि यह कानून किरायेदारों के हितों के खिलाफ है और मकान मालिकों को नुकसान पहुंचाएगा।

वकीलों ने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। पहली नवंबर से प्रभावी हुए जम्मू-कश्मीर किरायेदारी कानून 2025 को न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करार देते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू ने प्रदेश की उमर अब्दुल्ला सरकार को दस दिन के भीतर इसे वापस लेने की अपील की है।
एसोसिएशन ने कहा है कि अगर दस दिन के भीतर इसे वापस नहीं लिया गया या इसमें आवश्यक संशोधन नहीं किया गया तो वकील पूरे जम्मू संभाग में आंदोलन छेड़ देंगे जोकि उग्र भी हो सकता है। एसोसिएशन ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री का अधिकार न्यायपालिका से छीनकर राजस्व विभाग को सौंप कर सरकार पहले से ही न्यायपालिका के अधिकारों का हनन कर चुकी है लेकिन अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विरोध में अदालती कामकाज रखा ठप
जम्मू-कश्मीर किरायेदारी कानून 2025 के विरोध में शुक्रवार को अदालती कामकाज ठप रखते हुए वकीलों ने जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और कानून विरोधी नारेबाजी करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। एसोसिएशन के प्रधान निर्मल कोतवाल ने कहा कि आज पूरे जम्मू संभाग में वकीलों ने इस कानून के विरोध में कामकाज ठप रखकर प्रदर्शन किए है लेकिन यह प्रदर्शन केवल आज तक ही सीमित नहीं रहेगा।
न्यायपालिका के अधिकारों को सीमित किया जा रहा
कोतवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे प्रशासनिक अधिकारी न्यायपालिका के अधिकारों को सीमित कर रहे है जबकि संविधान में न्यायपालिका व प्रशासन के अधिकार स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पहले ही जमीनों की रजिस्ट्री समेत अन्य राजस्व कार्य न्यायपालिका से छीनकर राजस्व विभाग को सौंपे गए है और आज सब जानते हैं कि जनता किन परेशानियों से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि अब यह कानून आने से जनता और अधिक परेशान होगी।
इस कानून से जनता की भी बढ़ेगी परेशानी
इस कानून से वकीलों का नुकसान तो निश्चत है लेकिन जनता को भी ऐसे अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे जो कभी कार्यालय में उपलब्ध ही नहीं रहते। प्रदर्शन के दौरान एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलदेव सिंह, महासचिव प्रदीप मजोत्रा, सह-सचिव अंशु महाजन व कोषाध्यक्ष राहुल अग्रवाल समेत काफी संख्या में वकील मौजूद रहे।

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