जम्मू-कश्मीर में कैसे होगी घटिया दवाइयों की निगरानी जब अधिकारी ही नहीं, बच्चों की जान से खिलवाड़ क्यों?
जम्मू-कश्मीर में घटिया दवाइयों की निगरानी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आवश्यक अधिकारियों की कमी है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ...और पढ़ें

ड्रग एनालिस्ट जम्मू का पद भी खाली है।
रोहित जंडियाल, जम्मू। घटिया सिरप जैसी समस्याओं के कारण कई बच्चों की जान गवां चुके जम्मू-कश्मीर में सरकार अभी भी ड्रग विभाग को लेकर गंभीर नहीं है। विभाग में लगातार पद खाली होते जा रहे हैं लेकिन इनको भरने के लिए कोई भी प्रयास नहीं हो रहे हैं। स्थिति यह है कि इस समय ड्रग और फूड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन में आठ प्रमुख पद खाली पड़े हुए हैं। इसी महीने के अंत में ड्रग कंट्र्रोलर का पद भी खाली होने जा रहा है।
ड्रग और फूड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 से 2025 के बीच कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए लेकिन इन पदों को किसी ने भी नहीं भरा। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर कश्मीर जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे।
उनकी जगह किसी को भी नियुक्त् नहीं किया। यह तब लगभग दो वर्ष से खाली पड़ा हुआ है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर हेडक्वार्टर जम्मू का पद अप्रैल 2024 से खाली पड़ा हुआ है। सुरेंद्र टिक्कु के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली है।
ड्रग कंट्रोलर लोतिका सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त हुई
ड्रग एनालिस्ट कश्मीर अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके अतिरिक्त डिप्टी ड्रग कंट्रोलर जम्मू अक्टूबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए। उनकी जगह पर भी किसी को नियुक्त नहीं किया गया। ज्वाइंट कंट्रोलर जम्मू-कश्मीर दिसंबर 2024 को अपने पद से सेवानिवृत्त हुए।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर लोतिका खजूरिया सितंबर 2025 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुई। उनकी जगह भी कोई स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। पूर्णिमा को प्रभार सौंपा गया है। वह भी इस महीनेे के अंत में सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। इसके अतिरिक्त एक और ज्वाइंट कंट्रोलर भी दिसंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ड्रग एनालिस्ट जम्मू का पद भी खाली है।
इन पदों को भरने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे
सूत्रों का कहना है कि समय पर पदोन्नति न करने के कारण कई कर्मचारियों में रोष है और इस कारण कई ड्रग कंट्रोलर के पद के लिए योग्य भी नहीं हो पाए है। सूत्रों का कहना है कि एक अधिकारी ने समय से पहले ही सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया हुआ है।
उक्त अधिकारी दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जाएगा।विभाग के पास इतने अधिकारी भी नहीं बचे हैं कि इन पदों को भरा जाए। बावजूद इसके स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी इन पदों को भरने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं।

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