जम्मू-कश्मीर में लगे 3.81 लाख स्मार्ट मीटर, 40 प्रतिशत लक्ष्य पूरा
जम्मू-कश्मीर ने पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का 40% लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, जिसमें 3.81 लाख से अधिक मीटर स्थापित किए गए हैं। इस परियोजना का पहला चरण 2020 में शुरू हुआ था, जिसमें 1.5 लाख मीटर लगाए गए। वर्ष 2026 तक 9.50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। एटी एंड सी नुकसान में भी कमी आई है, और राजस्व प्राप्ति में सुधार हुआ है।

जम्मू-कश्मीर: स्मार्ट मीटर लगाने में बड़ी सफलता। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर ने पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का 40 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है जिसमें पिछले एक वर्ष में 3.81 लाख से अधिक मीटर लगाए गए हैं।
आरडीएसएस के तहत हुई प्रगति की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने एक रिपार्ट साझा की है जिसके अनुसार इस परियोजना का पहला चरण नवंबर 2020 में शुरू हुआ था और 2022 में पूरा हुआ था, जिसमें 1.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए थे।
2024 में शुरू हुए दूसरे व तीसरे चरण में 9.50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है, जिसे 2026 तक पूरा करना है। अधिकारियों के अनुसार जम्मू पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) ने एक लाख 87 हजार 894 मीटर लगाए हैं, जबकि कश्मीर पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) ने एक लाख 93 हजार 777 मीटर लगाए है।
आरडीएसएस के तहत 4,709 करोड़ रुपये की लागत से नुकसान कम करने और 1,053 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट मीटरिंग के काम किए जा रहे हैं। इन कार्यों को चार एजेंसियों को सौंपा गया है, जिनमें जेपीडीसीएल, केपीडीसीएल, पावरग्रिड एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (पीईएसएल) और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर में एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (एटी एंड सी) नुकसान 2022 में 58 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में 32 प्रतिशत हो गए हैं और 2028 तक इसे 12 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी तरह, औसत लागत और औसत राजस्व प्राप्ति के बीच का अंतर 3.11 रुपये से घटकर 1.29 रुपये प्रति यूनिट हो गया है और बिलिंग 56 प्रतिशत से सुधरकर 69 प्रतिशत हो गई है, जबकि वसूली 75 प्रतिशत से सुधरकर 94 प्रतिशत हो गई है।

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