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    J&K news: मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने शुरू किया टेली मानस चैट-बाट

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Thu, 06 Jul 2023 04:20 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का टेली मानस चैट-बाट सुविधा शुरू करना अच्छा कदम है। व्हाट्सअप की सहायता से इससे कोई भी व्यक्ति मनाेरोग विशेषज्ञों से परामर्श हासिल कर सकेगा। यही नहीं मनोरोग विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल साइंसेस के साथ भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर मील का पत्थर तय किया है।

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    J&K news: मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने शुरू किया टेली मानस चैट-बाट

    जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर में मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का टेली मानस चैट-बाट सुविधा शुरू करना अच्छा कदम है। व्हाट्सअप की सहायता से इससे कोई भी व्यक्ति मनाेरोग विशेषज्ञों से परामर्श हासिल कर सकेगा। यही नहीं मनोरोग विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल साइंसेस के साथ भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर मील का पत्थर तय किया है।

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    यह बात किसी से नहीं छिपी है कि जम्मू-कश्मीर में मनोरोग विशेषों की भारी कमी बनी हुई है। मनोरोग अस्पताल जम्मू और श्रीनगर को छोड़ दिया जाए तो जिला अस्पतालों तक में न के बराबर ही विशेषज्ञ है। यह सही है कि इससे पहले भी चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें मनोरोग विशेषज्ञ के पदों पर तैनात करने का प्रयास हुआ था, लेकिन इसमें गंभीरता न होने के कारण यह सफल नहीं हो पाया।

    मनोरोग अस्पतालों में नहीं जाते रोगी 

    देश के अन्य भागों की तरह ही जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से युवाओं से लेकर अन्य में मानसिक रोग बढ़े हैं,उसे देखते हुए मनोरोग विशेषज्ञों की सख्त जरूरत है। प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गत वर्ष कश्मीर में टेलीमानस सुविधा शुरू की थी और इसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए इस सेवा का इस्तेमाल किया। सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो कि मनोरोग अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं जाते हैं। इसके पीछे सामाजिक कारण भी हैं।

    लोगों के बीच जागरुकता की जा रही पैदा

    ऐसे में टेली मानस और चैब-बाट जैसी सुविधाएं मरीजों को राहत देने वाली हैं। ऐसी सेवाओं से मरीज की पहचान भी समाज के समक्ष नहीं आती और वे अपने रोग के बारे में खुलकर कर विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श लेकर इलाज करवा सकता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे इन सुविधाओं को लेकर लोगों के बीच जागरूकता भी पैदा करे।

    नशे से पीड़ित लोगों को मिलेगा लाभ

    लोगों को यह समझाए कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और इसे छिपाएं नहीं। इस प्रकार की समस्याओं को छिपाने से लोग कई प्रकार के गंभीर रोगों से पीड़ित होते हैं जिसका असर पूरे समाज पर पड़ता है। गत दिवस जिस प्रकार से विशेषज्ञों के बीच टेलीमानस चैब-बाट शुरू की है, उसका लाभ नशे से पीड़ित युवाओं के साथ हर किसी को मिलेगा