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    Jammu Kashmir News: दुश्मन पर मौत बनकर बरसेंगे नैनो ड्रोन, BHARAT को आंख दिखाई तो खैर नहीं

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Tue, 12 Sep 2023 06:30 AM (IST)

    लक्ष्य पर पहुंचकर फट जाने वाले ड्रोन बनाने की दिशा में काम जोरों पर हैं। इसे दिसंबर तक तैयार कर लिया जाएगा। आधुनिक उपकरणों से लैस नैनो ड्रोन किसी व्यक्ति के चेहरे को स्केन कर उसे निशाना बनाने में भी सक्षम है। ये ड्रोन सेना की स्पेशल फोर्स के साथ लद्दाख उत्तरी कमान पूर्वी कमान व दक्षिणी कमान में भी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

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    दुश्मन पर मौत बनकर बरसेंगे नैनो ड्रोन (प्रतीकात्मक फोटो)

    विवेक सिंह, जम्मू: हथेली से दस सैंकेंड के अंदर हवा में परवाज करने में सक्षम देश में निर्मित नैनो ड्रोन भविष्य के युद्धों, सैन्य अभियानों में दुश्मन पर मौत बनकर बरसने के लिए तैयार हो रहे हैं। नैनो ड्रोन दूत एमके 1 बनाने वाली आइडीआर रिसर्च एंड डेवेलपमेंट इस समय किल स्विच वाले नैनो ड्रोन बनाने की दिशा में काम कर रही।

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    किल स्विच युक्त ड्रोन दुश्मन के ठिकाने की पहचानकर वहां जाकर फटने के लिए पोग्राम किए होंगे। स्टार्ट कंपनी के सह संस्थापक मंयक प्रताप सिंह व अंकुर यादव का कहना है कि लक्ष्य पर पहुंचकर फट जाने वाले ड्रोन बनाने की दिशा में काम जोरों पर हैं। इसे दिसंबर तक तैयार कर लिया जाएगा।

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    उनका कहना है कि आधुनिक उपकरणों से लैस नैनो ड्रोन किसी व्यक्ति के चेहरे को स्केन कर उसे निशाना बनाने में भी सक्षम है। आइडीआर रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ने आइआइटी जम्मू में सोमवार सुबह नार्थ टेक सिमपोजियम में अपने कई नैनो ड्रोन प्रदर्शित किए हैं। ये ड्रोन सेना की स्पेशल फोर्स के साथ लद्दाख, उत्तरी कमान, पूर्वी कमान व दक्षिणी कमान में भी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

    कंपनी ने उत्तरी कमान को ऐसे 16 नैनो ड्रोन उपलब्ध करवाए हैं। छोटे होने के कारण ये ड्रोन आसानी से दुश्मन की निगरानी करने के लिए कहीं भी पहुंचने में सक्षम हैं। ये ड्राेन आतंक विरोधी अभियानों में कारगर हैं। वे सुरक्षित दूरी से दुश्मन की निगरानी करने के साथ छोटी से छोटी खिड़की से घर के अंदर जा सकते हैं।

    नहीं करता आवाज

    ये ड्रोन किसी पक्षी की तरह न तो आवाज करते हैं और न ही रात को इनसे रोशनी ही निकलती है जिससे दुश्मन को इनके बारे में पता लगे। ऐसे में ये दुश्मन की जासूसी करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। मयंक ने जागरण काे बताया कि नैनो ड्रोन किसी पक्षी की तरह छोटा होने के कारण बीस मीटर की उंचाई पर दिखता नही है।

    इसमें इस्तेमाल की जा रही तकनीक के कारण इसे जैम करना संभव नही है। मात्रा 250, 350 ग्राम के ये ड्रोन 25 मिनट तक हवा में रहकर 70 मीटर की उंचाई तक जा सकते हैं। उनसे डेढ मीटर की दूरी से लाइव फीड भी हासिल की जा सकती है।

    ये ड्रोन अस्सी किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि लद्दाख के उच्चतम इलाकों में अत्याधिक ठंड में इन नैनो ड्रोन को उड़ाने का ट्रायल भी कामयाब रहा था। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने उनके ड्रोन में बहुत दिलचस्पी दिखाई थी। ऐसे में आने समय में भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए उनकी कंपनी और ड्रोन सप्लाई करने की भी इच्छुक है।