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    जम्मू-कश्मीर बनेगा मिनरल पॉवर-हाउस, अनंतनाग, राजौरी और पुंछ में 314 हेक्टेयर में फैले 7 ब्लॉकों की नीलामी

    By Satnam Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 12:17 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में फैले 314 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित 7 खनिज ब्लॉकों की नीलामी करने का फैसला किया है। इन ब्लॉकों में चूना पत्थर, जिप्सम और बॉक्साइट जैसे खनिज पाए जाते हैं। इस कदम से राज्य के राजस्व में वृद्धि और रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। सरकार पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखेगी। 

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    नए उद्योग विकसित होंगे, रोजगार बढ़ेगा, सहायक उद्योगों को गति मिलेगी।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार सात चूना-पत्थर खनन ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया का शुभारंभ किया। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किए गए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने भी भाग लिया।

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    यह केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश सरकार के मजबूत सहयोग का प्रतीक है। कुल 7 चूना-पत्थर ब्लॉक, लगभग 314 हेक्टेयर क्षेत्र में अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में चिह्नित किए गए हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि यह जम्मू कश्मीर में खनन क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। साल 2014 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद मोदी सरकार ने खनन व्यवस्था को एक सौ प्रतिशत पारदर्शी बनाया है।

    इस नीलामी से रोजगार, औद्योगिक विकास और स्थानीय समुदायों में नई आर्थिक संभावनाएं पैदा होंगी। केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार ने मिलकर वैज्ञानिक तरीके से इन ब्लॉकों की पहचान और मूल्यांकन किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से जम्मू कश्मीर एक मिनरल पावर-हाउस बन सकता है।

    प्रीमियम और रॉयल्टी की पूरी आय जम्मू कश्मीर को मिलेगी

    साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार कोई टैक्स नहीं लगाएगी। प्रीमियम और रॉयल्टी की पूरी आय जम्मू कश्मीर को मिलेगी। जिला खनिज निधि का उपयोग स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा। नीलामी प्रक्रिया होगी पारदर्शी और तकनीक-आधारित होगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर नीलामी से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।

    खनन क्षेत्र में पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और जवाबदेह प्रणाली स्थापित की जा रही है। सुधार, बदलाव सरकार की नीतियों का मुख्य आधार है। इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इससे पिछड़े क्षेत्रों में विकास आएगा। यह पहल जम्मू कश्मीर सरकार के अनुरोध पर केंद्र के सहयोग से संभव हुई है। इससे विशेषकर पुंछ और राजौरी जैसे पिछड़े क्षेत्रों में नए उद्योग विकसित होंगे, रोजगार बढ़ेगा, सहायक उद्योगों को गति मिलेगी

    नीलामी में शामिल चूना-पत्थर ब्लॉकों का विवरण

    नंबर जिला ब्लॉक का नाम क्षेत्र (हैक्टर) संसाधन (मि.टन.)

    1 अनंतनाग डोरू शाहाबाद 28.96 2.27
    2 अनंतनाग कूट–कापरन 22.43 4.75
    3 अनंतनाग वंत्राग 5.36 10.85
    4 पुंछ राजपुरा 9.26 5.20
    5 राजौरी दरहाल-चित्तीबट्टी 216.00 18.53
    6 राजौरी खबलियां–भरोट–डन्ना 23.28 11.64
    7 राजौरी लाह 9.65 4.56

    यह नीलामी 2015 के खनिज और खदान (विकास एवं विनियमन) अधिनियम अधिनियम में किए गए सुधारों के बाद जम्मू कश्मीर में होने वाली पहली नीलामी है। ब्लॉक यूएनएफसी जी3 और जी4 श्रेणी के अंतर्गत आते हैं और सीमेंट निर्माण सहित कई उद्योगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चूना-पत्थर के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

    प्रधानमंत्री व गृह मंत्री की इच्छा, जम्मू कश्मीर बने देश का खनिज संपन्न प्रदेश

    केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर को खनिज संपदा से समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज सोमवार को कहा कि केंद्र का लक्ष्य पारदर्शी ढंग से चूना पत्थर (लाइमस्टोन) ब्लॉकों की नीलामी के माध्यम से रोजगार बढ़ाना और राजस्व को सुदृढ़ करना है। केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सहयोग से केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों की ई- नीलामी की शुरुआत की।

    पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम विकसित भारत 2047 की परिकल्पना के अनुरूप बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर एक खनिज संपन्न राज्य बने, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इच्छा है। खनिजों से समृद्धि बढ़ेगी तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और खनन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इसी दृष्टि के साथ केंद्र सरकार यह पहल कर रही है।

    प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में खनन क्षेत्र में व्यापक सुधार

    उन्होंने बताया कि 2014 के सर्वोच्च के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में खनन क्षेत्र में व्यापक सुधार किए गए। उन्हीं सुधारों के तहत अब चूना पत्थर की खदानें पारदर्शी तरीके से नीलाम की जा रही हैं। पहली बार जम्मू-कश्मीर में यह प्रक्रिया शुरू हो रही है। देश के 95 प्रतिशत से अधिक राज्यों ने इस नीलामी प्रक्रिया को मंजूरी दी है।

    प्रधानमंत्री की राज्यों के साथ चर्चा के बाद आज लगभग सभी राज्य इन नीलामियों में शामिल हो रहे हैं। आज हम चूना पत्थर ब्लॉकों की ओपन नीलामी कर रहे हैं और मैं इसकी समीक्षा भी कर रहा हूं। यह नीलामी 2015 में संशोधित खनिज और खदान (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत लागू सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जम्मू-कश्मीर में यह पहला खनन ब्लॉक नीलामी होगा, जो खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और सतत विकास की दिशा में बदलाव का संकेत है।

    जम्मू-कश्मीर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे

    लगभग 314 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले सात चूना पत्थर ब्लॉक अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में चिन्हित किए गए हैं। यह नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह तकनीक-संचालित, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी ढांचे के तहत की जा रही है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और सतत खनन को प्राथमिकता दी गई है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से जम्मू-कश्मीर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, राजस्व बढ़ेगा, औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और स्थानीय समुदायों के लिए नए आर्थिक रास्ते खुलेंगे। सरकार ने इसे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम बताया है।