Jammu Kashmir Land Law: विकास में संजीवनी बनेगा नया जमीन कानून, निवेश की सबसे बड़ी अड़चन दूर
जम्मू-कश्मीर में आज तक बाहरी निवेशक इसलिए नहीं आते थे क्योंकि वे यहां जमीन नहीं खरीद पाते थे। अनुच्छेद 370 35-ए समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बाहरी निवेश को लेकर विशेष प्रयास किए डोमिसाइल के लिए भी यहां पंद्रह साल तक रहने की अनिवार्यता रखी गई।
जम्मू, जागरण संवाददाता: केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए अधिसूचित नया जमीन कानून प्रदेश के विकास में संजीवनी साबित होगा। प्रदेश में जमीन खरीदने के लिए किसी तरह के डोमिसाइल की अनिवार्यता को समाप्त करके सरकार ने औद्योगिक निवेश की सबसे बड़ी अड़चन को दूर कर रहा है। इससे बाहरी राज्यों के निवेशकों की प्रदेश में निवेश करने की हिचक दूर होगी और छोटे-बड़े औद्योगिक घराने खुलकर यहां निवेश कर पाएंगे क्योंकि उन्हें भविष्य की चिंता नहीं रहेगी।
जम्मू-कश्मीर में आज तक बाहरी निवेशक इसलिए नहीं आते थे क्योंकि वे यहां जमीन नहीं खरीद पाते थे। अनुच्छेद 370 व 35 ए समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बाहरी निवेश को लेकर विशेष प्रयास किए लेकिन डोमिसाइल के लिए भी यहां पंद्रह साल तक रहने की अनिवार्यता रखी गई। यहीं कारण था कि अनुच्छेद 370 व 35 ए समाप्त होने के बावजूद यहां कोई खास निवेश नहीं हुआ। अब नए कानून में बिना डोमिसाइल के जमीन खरीदी जा सकेगी। अब देश का हर नागरिक यहां जमीन खरीद कर मकान बना सकता है, खुद का उद्योग लगा सकता है या कारोबार शुरू कर सकता है। इससे प्रदेश में चमूखी विकास की राह खुलेगी। लघु उद्योग के साथ-साथ चिकित्सा, पर्यटन व शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े खिलाड़ी आएंगे।
निजी क्षेत्र में खुलेगी रोजगार की राह
जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण यहीं रहा कि यहां निजी क्षेत्र में रोजगार के साधन काफी सीमित थे। निजी क्षेत्र में रोजगार मिलने पर भी बाहरी राज्यों के युवा यहां नौकरी करना पसंद नहीं करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि यहां न तो वे घर खरीद पाएंगे और न जमीन। इस कारण प्रदेश में हमेशा कुशल कारीगरों की भी किल्लत रही। अब यहां निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं बाहरी राज्यों के लोग भी यहां नौकरी व कामकाज करने आएंगे।
वित्तीय सहयोग भी जरूरी
बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसाेसिएशन के प्रधान ललित महाजन के अनुसार सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और इससे औद्योगिक विकास की गति तेजी होगी। शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में भी निवेश होगा लेकिन इस निवेश को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि सरकार अब बाहरी राज्यों के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय पैकेज भी घोषित करें। वैश्विक शिखर सम्मेलन से पूर्व केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए विशेष रियायतों वाला पैकेज घोषित करना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में यहां निवेश करने वालों की इतनी कतार होगी कि सरकार ने लिए सबको जमीन दे पाना मुश्किल हो जाएगा।