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    हाईकोर्ट के वाहन रजिस्ट्रेशन नियमों में संशोधन के निर्देश, कहा- पार्किंग की जगह होने पर ही हो वाहन रजिस्ट्र

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 20 Dec 2019 11:15 AM (IST)

    बेंच ने साफ किया कि अगर श्रीनगर नगर निगम या श्रीनगर विकास प्राधिकरण द्वारा पार्किंग के चिह्नित सड़कों पर भी किसी वाहन को पार्क करने की इजाजत नहीं दी ज ...और पढ़ें

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    हाईकोर्ट के वाहन रजिस्ट्रेशन नियमों में संशोधन के निर्देश, कहा- पार्किंग की जगह होने पर ही हो वाहन रजिस्ट्र

    जेएनएफ, जम्मू : ट्रैफिक की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने राज्य शासन से ठोस नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि वाहन रजिस्ट्रेशन नियमों में संशोधन करके ऐसी नीति बनाई जाए जिसमें केवल उन्हीं वाहनों का पंजीकरण किया जाए, जिनके मालिक के पास गाड़ी लगाने के लिए उपयुक्त पार्किंग गैराज हो। यह नियम निजी व व्यवसायिक वाहनों पर लागू हो।

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    हाईकोर्ट ने सड़कों पर वाहनों की पार्किंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की नीति तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग और शहर की सड़कों पर वाहन पार्क करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। जम्मू व श्रीनगर में ट्रैफिक समस्या के निवारण की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में जस्टिस अली मोहम्मद व जस्टिस डीएस ठाकुर ने श्रीनगर शहर से उक्त नियमों की शुरुआत करने का निर्देश दिया। बेंच ने कहा कि कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर की जिम्मेदारी होगी कि वह सड़कों को पार्किंग से मुक्त करवाएं।

    बेंच ने साफ किया कि अगर श्रीनगर नगर निगम या श्रीनगर विकास प्राधिकरण द्वारा पार्किंग के चिह्नित सड़कों पर भी किसी वाहन को पार्क करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। बेंच ने पाया कि इस मामले में कोर्ट ने समय-समय पर कई दिशानिर्देश जारी किए लेकिन उनका पालन नहीं हुआ। बेंच ने ट्रैफिक प्रबंधन के संदर्भ में कई आदेश दिए गए। वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपाय प्रमुख थे। साथ ही पेट्रोल और डीजल वाहनों को सीएनजी-एलपीजी में बदलने, श्रीनगर में चल रहे बीस हजार थ्री-व्हीलर को सीएनजी और एलपीजी करने, गैर पंजीकृत थ्री-व्हीलर, सूमो व बस स्टैंड हटाने या महत्वपूर्ण रोड प्रोजेक्ट पूरा करने के मामले भी अभी लंबित हैं। बेंच ने कहा कि इतने सारे मुद्दे एक साथ जुडऩे से भी इस केस की उचित सुनवाई व निगरानी नहीं हो पाई। लिहाजा बेंच अब कुछ मुद्दों पर एक वक्त में सुनवाई करेगा।

    सीएनजी के लिए निजी कंपनियों से संपर्क करने का आदेश

    बेंच ने कहा कि सुनवाई के दौरान वाहनों के पंजीकरण, सड़कों पर पार्किंग व सीएनजी-एलपीजी का मुद्दा लिया। सीएनजी-एलपीजी के मुद्दे पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन के वकील ने बेंच को बताया कि कारपोरेशन सीएनजी नहीं देती, कुछ निजी कंपनियां सीएनजी देती हैं। इस पर बेंच ने सरकार को संबंधित एजेंसियों से संपर्क करने का निर्देश दिया।

    25 साल पुराने वाहनों को हटाने पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करें परिवहन आयुक्त

    बेंच ने कहा कि 17 मई 2017 को कोर्ट ने 25 साल पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने की दिशा में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट भी मांगी थी लेकिन यह रिपोर्ट भी अभी तक पेश नहीं की गई। लिहाजा अगली सुनवाई तक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर यह रिपोर्ट भी पेश करे। बेंच ने काजीगुंड से बनिहाल तक राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने की दिशा में अब तक हुए काम की रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।