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    Jammu Kashmir : सवा करोड़ जनसंख्या, सवा करोड़ कोविड टेस्ट; औसतन हर नागिरक की हो चुकी कोविड जांच

    स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल ढुल्लू का कहना है कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में कोविड जांच को और बढ़ाया जाएगा। दस और अस्पतालों में टेस्ट की सुविधा होगी। इसके अलावा मोवाइल टेस्टिंग वैन की सुविधा भी शुरू की जा रही है।

    By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 14 Aug 2021 12:46 PM (IST)
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    अब सभी जिला अस्पतालों में भी टेस्टिंग की सुविधा शुरू की जा रही है।

    जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना की रोकथाम के लिए पहली लहर में जम्मू-कश्मीर के माडल को सभी ने सराहा था। दूसरी लहर में बेशक कई मरीजों की जान चली गई लेकिन अन्य कई राज्यों से जम्मू-कश्मीर का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इसका एक कारण यहां पर बड़ी संख्या में लोगों की कोविड जांच भी हुई है। अब तक यहां 17 महीनों में सवा करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है। वहीं अब भी टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है और दस और लैब खोलने की तैयारी चल रही है।

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    साल 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या एक करोड़ पच्चीस लाख है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी अब तक एक करोड़ पच्चीस लाख से अधिक कोविड टेस्ट कर चुकी है। इनमें अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के टेस्ट भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर ऐसा पहला केंद्र शासित प्रदेश है जहां पर जनसंख्या के बराबर कोविड टेस्ट हो चुके हैं। हर दिन अभी भी औसतन पचास से साठ हजार लोगों की जांच हो रही है। इनमें आठ से नौ हजार टेस्ट तो सिर्फ जम्मू-कश्मीर के रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डोें में आने वाले यात्रियों के हो रहे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अभी भी टेस्टिंग को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

    जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई भी जिला नहीं है जहां पर टेस्ट कम हा रहे हों। यहां पर शुरू से ही टेस्ट हो रहे हैं। नौ मार्च 2020 को कोविड का पहला मामला आया था जब इरान से आई एक महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके अगल दिन भी पहले शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस और फिर राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में कोरोना जांच शुरू हुई थी। हालांकि उस समय पूणे, दिल्ली सहित कई जगहों पर सैंपल जांच के लिए भेेजे जाते थे और इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन टेंडर भी आमंत्रित करता था। लेकिन इसके बाद जम्मू-क्श्मीर में टेस्टिंग की अपनी क्षमता को लगातार बढ़ाया।

    जम्मू में मिलिट्री अस्पताल ऊधमपुर, इंडियन इंस्टीटयूट आफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन, सीडी अस्पताल, गांधीनगर के जच्चा-बच्चा अस्पताल, कठुआ, राजौरी, डोडा मेडिकल कालेजों में भी आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरू की। यही कारण है कि जीएमसी जम्मू की माइक्रोबायालोजी लैब में ही जहां पांच लाख से अधिक अेस्अ हो चुके हैं। वहीं मेडिकल कालेज कठुआ की लैब में भी एक लाख का आंकड़ा पार हो चुका है। इसके अलावा स्किम्स सौरा, सीडी अस्पताल श्रीनगर, श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल श्रीनगर, जीएमसी बारामुला, जीएमसी अनतंनाग में भी आरटीपीसीआर टेस्अ हो रहे हें। अब सभी जिला अस्पतालों में भी टेस्टिंग की सुविधा शुरू की जा रही है। दस नई लैब बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

    स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल ढुल्लू का कहना है कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में कोविड जांच को और बढ़ाया जाएगा। दस और अस्पतालों में टेस्ट की सुविधा होगी। इसके अलावा मोवाइल टेस्टिंग वैन की सुविधा भी शुरू की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में आरअीपीसीआर टेस्ट के अलावा रैपिड टेस्ट भी हो रहे हैं। यह टेस्ट भी हर दिन हजारों की संख्या में हो रहे हैं। सवा करोड़ टेस्ट में आरटीपीसीआर और रैपिड दोनों ही टेस्ट शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में अभी तक हुए टेस्टों में 3,23,061 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।