जम्मू-कश्मीर पर 1.25 लाख करोड़ का कर्ज, CM उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में दी जानकारी
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने बताया कि राज्य सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यह जानकारी उन्होंने विधानसभा में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक सज्जाद गनी लोन (Sajjad Gani Lone) के सवाल के जवाब में दी। बता दें कि सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को (8 मार्च) को जम्मू-कश्मीर का बजट (Jammu Kashmir Budget) पेश किया।
पीटीआई, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने शुक्रवार (7 मार्च) को प्रदेश का बजट (Jammu Kashmir Budget) पेश किया। उन्होंने विधानसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में 27,900 करोड़ रुपये शामिल हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह जानकारी विधानसभा में पीपुल्स पार्टी के विधायक सज्जाद गनी लोन के सवाल के जवाब में दी।
31 मार्च 2024 तक इतना कर्ज
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने बताया कि 31 मार्च, 2024 तक जम्मू-कश्मीर का कुल कर्ज (Jammu and Kashmir debt) 1,25,205 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, "इसमें भारतीय रिजर्व बैंक और राज्य विकास से 69,894 करोड़ रुपये के ऋण, जीपीएफ में 27,901 करोड़ रुपये, रिजर्व में 14,294 करोड़ रुपये, बकाया राष्ट्रीय लघु बचत कोष में 5,758 करोड़ रुपये, बातचीत के जरिए लिए गए ऋण में 4,032 करोड़ रुपये, उदय बिजली ऋण में 2,616 करोड़ रुपये और भारत सरकार के अग्रिम में 710 करोड़ रुपये शामिल हैं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 27 फरवरी, 2025 तक विभिन्न खाता शीर्षों के तहत कोषागारों में कुल बकाया देयता 5,429.49 करोड़ रुपये है।
सदन में पेश हुआ था आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
गुरुवार को सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (ईएसआर) 2024-25 के अनुसार, 1,25,205 करोड़ रुपये का बकाया ऋण जम्मू-कश्मीर के जीएसडीपी 2,38,677 करोड़ रुपये का 52 प्रतिशत है।
83,010 करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण वित्त वर्ष 2024 में कुल बजट बकाया लोन का 66 प्रतिशत है, जिसमें 82,300 करोड़ रुपये का आंतरिक लोन और भारत सरकार से 710 करोड़ रुपये का अग्रिम शामिल है।
भविष्य निधि में कुल लोन का 21%
बजट बकाया लोन का एक अन्य प्रमुख घटक भविष्य निधि है, जो कुल ऋण का 21 प्रतिशत है। ईएसआर ने यह भी बताया कि पिछले एक दशक में कुल बजटीय बकाया ऋण में आंतरिक लोन का अनुपात 55 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया है, जबकि भविष्य निधि का हिस्सा 27 प्रतिशत से घटकर 21 प्रतिशत हो गया है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ऋण वित्त वर्ष 2014 में 47 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 51 प्रतिशत हो गया है।
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