Jammu Kashmir : महबूबा मुफ्ती को सरकार ने दिया बंगला खाली करने का नोटिस
जम्मू-कश्मीर एस्टेट विभाग ने महबूबा मुफ्ती को बंगला खाली करने का नोटिस बीते सप्ताह भेजा है। उन्होंने यह नोटिस जम्मू और कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2016 के तहत भेजा गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : प्रदेश सरकार ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेजा है। महबूबा मुफ्ती ने इस नोटिस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। उनके करीबियों ने बताया कि वह नौगाम स्थित अपने पिता स्व मुफ्ती मोहम्मद सईद के निजी मकान में स्थानांतरित होने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियाें की सहमति का इंतजार है। प्रशासन ने भी महबूबा मुफ्ती को भेजे नोटिस में कहा है कि अगर वह चाहें तो उन्हें मौजूदा बंगला खाली करने के बाद वैकल्पिक आवासीय सुविधा प्रदान की जा सकती है।
जम्मू-कश्मीर एस्टेट विभाग ने महबूबा मुफ्ती को बंगला खाली करने का नोटिस बीते सप्ताह भेजा है। उन्होंने यह नोटिस जम्मू और कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम, 1988, संशोधित अधिनियम, 2016 के तहत भेजा गया है। इस नोटिस में उन्हें कहा गया है कि अगर आपको सुरक्षा या किसी अन्य कारण से कोई वैकल्पिक आवासीय सुविधा चाहिए तो सरकार आपके आग्रह पर उसकी व्यवस्था करेगी।
महबूबा मुफ्ती मौजूदा समय में गुपकार मार्ग पर स्थित फेयर व्यू नामक सरकारी बंगले में रह रही हैं। गुपकार मार्ग श्रीनगर में सबसे संभ्रांत और पाश माना जाता है। महबूबा मुफ्ती को आवंटित फेयर व्यू बंगला पहले उनके पिता स्व मुफ्ती मोहम्मद सईद को बतौर मुख्यमंत्री के रूप में सरकारी आवास के तौर पर आवंटित था। उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री बनने पर यह बंगला उनके पास रहा।
जून 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद भी महबूबा मुफ्ती ने यह बंगला अपने पास रखा। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद भी सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ ले रहे थे। महबूबा मुफ्ती को जम्मू और दिल्ली में भी सरकारी आवासीय सुविधा प्राप्त थी।
जम्मू-कश्मीर विधानमंडल सदस्य पेंशन अधिनियम, 1984 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवासीय सुविधा के साथ-साथ उसकी देखभाल और साज-सज्जा के लिए सालाना 35 हजार रुपये, टेलीफोन खर्च के लिए अधिकतम 48 हजार रुपये और बिजली शुल्क के लिए पंद्रह सौ रुपये मासिक के अलावा वाहन, पेट्रोल और सहायक की सुविधा के अधिकारी थे। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद यह अधिनियम समाप्त हो गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदान की जाने वाली यह सुविधा भी स्वत: समाप्त हो गई।
पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला जिस बंगले में रहते हैं, उन्होंने वह बंगला हास्पिटैलिटी एंड प्रोटोकाल विभाग को कथित तौर पर किराए पर दिया था। वह उसी बंगले में रह रहे थे और किराया भी ले रहे थे। उनकी यह सुविधा भी समाप्त हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने गुपकार मार्ग पर ही जठियार के पास स्थित जम्मू कश्मीर बैंक के अतिथि गृह को अपनी सरकारी आवासीय सुविधा के लिए प्राप्त कर रखा था, उन्होंने इसे नवंबर 2019 में ही खाली कर दिया था। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने नवंबर 2019 में सरकारी आवासीय सुविधा को खाली नहीं किया क्याेंकि दोनों नजरबंद थे।
उमर अब्दुल्ला ने जेल से छूटने के बाद अक्टूबर 2020 में सरकारी बंगला खाली किया। यह बंगला गुपकार मार्ग पर ही स्थित था और वह इसमें जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद से रह रहे थे। उन्होंने इस बंगले में अपने लिए जिम व स्विमिंग पूल भी तैयार कराया था। महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षा कारणों के चलते बंगला खाली नहीं किया था।