'3% डीए, वेतन विलय और पेंशनरों के लिए मेडिकल भत्ते दे उमर सरकार', जम्मू-कश्मीर में कर्मचारियों की मांग
नेशनल मजदूर कांफ्रेंस के अध्यक्ष सुभाष शास्त्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से जुलाई से लंबित 3% महंगाई भत्ते (डीए) की किश्त जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्र और अन्य राज्यों द्वारा डीए जारी करने का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार से भी तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। शास्त्री ने 50% डीए को मूल वेतन में विलय करने और पेंशनभोगियों के लिए चिकित्सा भत्ते को बढ़ाने की भी मांग की है।
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नेशनल मजदूर कोन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री उमर असे अपील की है कि वे जुलाई से लंबित डीए की किश्त को तुरंत जारी करें (फाइल फोटो)
जागरण संवददाता, जम्मू। नेशनल मजदूर कोनफ्रेंस के अध्यक्ष सुभाष शास्त्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अपील की है कि वे जुलाई से लंबित तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) की किश्त को तुरंत जारी करने के लिए कदम उठाएं। शास्त्री ने कहा कि केंद्र सरकार और बिहार व राजस्थान जैसे राज्यों ने पहले ही अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन प्रतिशत डीए की किश्त जारी कर दी है।
इसलिए जम्मू-कश्मीर सरकार को भी इसे जल्द से जल्द जारी करना चाहिए। यहां जारी एक बयान में कहा कि इस संबंध में जल्दी निर्णय लेना कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कुछ राहत प्रदान करनी चाहिए। शास्त्री ने कहा कि केंद्रीय 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार जब डीए 50 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो केंद्र को मूल वेतन या पेंशन में 50 प्रतिशत डीए को मिलाने के लिए बाध्य किया जाता है।
उन्होंने कहा कि चूंकि डीए पहले ही 58 प्रतिशत तक पहुंच गया है, इसलिए हम मूल वेतन/पेंशन में 50 प्रतिशत डीए के जल्दी विलय की मांग करते हैं। लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश में पेंशनभोगियों को दी गई सुविधाओं का उल्लेख करते हुए शास्त्री ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पेंशनभोगियों के लिए मासिक चिकित्सा भत्ते को पहली अप्रैल 2020 से बढ़ाकर 1000 रुपये किया जा चुका है, लिहाजा यहां भी चिकित्सा भत्ता बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों व पेंशनर्स को उम्मीद थी कि सरकार दिवाली पर अपने कर्मचारियों व पेंशनर्स को डीए की राहत प्रदान करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लिहाजा सरकार कर्मचारियों व पेंशनर्स को और अधिक निराश न करते हुए तत्काल डीए जारी करें।
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