Jammu-Kashmir: हर पंचायत में पहुंचेगा प्रशासन, 25 हजार अफसरों ने कसी कमर; ग्रामीणों की समस्याओं का लेंगे जायजा
Jammu-Kashmir हर क्षेत्र और हर वर्ग के समग्र व समावेशी विकास सुनिश्चित करने और शासन व जनता के बीच की दूरी पाटने के लिए प्रशासन एक बार फिर हर पंचायत में पहुंचेगा। 4500 के करीब अधिकारी किसी एक पंचायत में एक या दो दिन बिताएंगे। प्रदेश प्रशासन फिर गांव की ओर अभियान चलने को तैयारी है। अभियान का पांचवां चरण इसी माह के अंत तक शुरू हो जाएगा।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हर क्षेत्र और हर वर्ग के समग्र व समावेशी विकास सुनिश्चित करने और शासन व जनता के बीच की दूरी पाटने के लिए प्रशासन एक बार फिर हर पंचायत में पहुंचेगा। इसके लिए सभी प्रशासकीय सचिवों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी गतिविधियों और कार्यक्रमों का एक प्रारूप तैयार करें, जिसे इस अभियान के दौरान मूर्त रूप दिया जा सके।
ग्रामीण विकास विभाग को इस अभियान के संचालन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में मनोनीत किया गया है। इस अभियान में लगभग 25 हजार सरकारी अधिकारी व कर्मी शामिल होंगे। 4500 के करीब अधिकारी किसी एक पंचायत में एक या दो दिन बिताएंगे।
"गांव की ओर' अभियान चलने को तैयारी है।
प्रदेश प्रशासन फिर "गांव की ओर' अभियान चलने को तैयारी है। सब ठीक रहा तो इस अभियान का पांचवां चरण इसी माह के अंत तक शुरू हो जाएगा। 'गांव की ओर' कार्यक्रम को 'बैक टू विलेज' या 'आओ गांव चले' भी कहते हैं। इसको वर्ष 2018 में तत्कालीन जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप गांवों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए किया था।
पहले चरण में यह अभियान सिर्फ जनता के साथ संवाद-सपंर्क और समन्वय तक सीमित रहा था। नवंबर 2019 में यह कार्यक्रम ग्रामीण अंचलों के विकास और ग्रामीणों के जनहित के मुद्दों के समाधान पर केंद्रित हो गया। वर्ष 2020 में भी इसका आयोजन किया गया, लेकिन वर्ष 2021 में किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया। नवंबर, 2022 में इसका चौथा चरण आयोजित किया गया। इस बार प्रदेश के सभी पंचायतों में यह अभियान एक साथ चलेगा।
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