Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir News: प्रशासन ने चार सरकारी कर्मचारियों को किया बर्खास्त, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में थे संलिप्त

    Updated: Tue, 23 Jul 2024 11:50 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिप्त होने के चलते चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में दो पुलिसकर्मी शिक्षा विभाग का जूनियर असिस्टेंट और एक ग्राम सेवक शामिल है। बता दें कि प्रशासन बीते दो साल में सरकारी तंत्र में छिपकर आतंकी व अलगाववादी इकोसिस्टम में लिप्त रहने वाले कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुका है।

    Hero Image
    राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के चलते चार सरकारी कर्मचारी बर्खास्त (फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू- कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त चार सरकारी कर्मियों को सेवामुक्त कर दिया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में दो पुलिसकर्मी, एक स्कूल शिक्षा विभाग का जूनियर असिस्टेंट और ग्रामीण विकास विभाग का ग्राम सेवक शामिल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी तंत्र में छिपे राष्ट्रविरोधी तत्वों के सफाए के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रदेश प्रशासन ने मंगलवार को चार और सरकारी कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें दो पुलिसकर्मी हैं। बर्खास्त गए किए गए इन चार कर्मियों में से तीन नार्को टेरर माडयूल में शामिल हैं जबकि एक पुलिसकर्मी आतंकियों के लिए हथियार व अन्य साजो सामान का प्रबंध करता था।

    बीते पांच सालों में 63 सरकारी कर्मी हो चुके बर्खास्त

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व मे प्रदेश प्रशासन ने बीते पांच वर्ष में 63 सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों में सलिंप्तता के आधार पर सेवामुक्त कर चुकी है। इनमें डीएसपी देवेंद्र सिंह भी शामिल है जो वर्ष 2020 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद मुश्ताक संग काजीगुंड के पास पकड़ा गया था। इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा के एक अधिकारी आदिल मुश्ताक भी आतंकियों की मदद के आरोप में निलंबित है।

    आदिल मुश्ताक ने सात फरवरी 2023 को 31.65 लाख रुपये की नकदी संग पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के तीन ओवर ग्राउंड वर्करों उमर आदिल डार, बिलाल अहमद सिद्दीकी और सालिक मेहराज के खिलाफ जांच में सबूतों के साथ छेड़खानी की। उसने इन तीनों से मिले सुरागों के आधार पर दो महिला अलगाववादी नेताओं यासमीन राजा औरजमरुदा हबीब को गिरफ्तार करने और उनके मोबाइल फोन को जांच के लिए भेजने में जानबूझ कर देरी की।

    प्रशासन ने चार कर्मचारियों को किया बर्खास्त

    उसने इसी मामले में एक आरोपित मुजम्मिल डार को भी बचाने के लिए न सिर्फ उसकी मदद की बल्कि उसे उन अधिकारियों के खिलाफ भी पत्र लिखकर दिए जो जांच में शामिल थे। मुजम्मिल ने खुद अपनी पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने इस मामले में मदद के लिए डीएसपी आदिल मुश्ताक को 2.73 लाख रुपये दिए हैं। आज बर्खास्त किए गए चार सरकारी कर्मियों में दो पुलिस कांस्टेबल हैं और एक स्कूल शिक्षा विभाग का जूनियर असिस्टेंट हैं और एक अन्य ग्राम विकास एवं पंचायत राज मामले विभाग का ग्राम सेवक है।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन्हें आतंकियों और अलगाववादियों व उनके पारिस्थितिक तंत्र के खिलाफ अपनी शून्य सहिष्णुता की नीति के आधार पर भारतीय संविधान की धारा 311 (2) (सी) के तहत प्राप्त अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकारी सेवा से बर्खास्त किया है।

    संबधित अधिकारियों ने बताया कि आज बर्खास्त किए गए चारों सरकारी कर्मियों को लेकर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने नकारात्मक रिपोर्ट प्रदान करते हुए बताया कि यह सभी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। यह आतंकियों के साथ प्रत्यक्ष-परोक्ष सहयोग कर रहे हैं और इस संदर्भ में एजेंसियों ने सभी आवश्यक साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। खुफिया एजेंसियों और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें सेवामुक्त करने की सिफारिश की गई और उपराज्यपाल ने उस पर सहमति की मुहर लगा दी।

    उन्होंने बताया कि सेवामुक्त किए गए दो पुलिसकर्मियों में से एक इम्तियाज अहमद लोन दक्षिण कश्मीर में गामराज त्राल,पुलवामा का रहने वाा है। वह आतंकियों को हथियार व अन्य साजो सामान उपलब्ध कराने के अलावा उनके लिए सुरक्षित ठिकानों का भी प्रबंश करता था। वह कई बार आतंकियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का भी काम करता था।

    ड्रग्स कारोबार में शामिल थे दोनों पुलिस कर्मी

    दूसरा पुलिसकर्मी मुश्ताक अहमद पीर उत्तरी कश्मीर में जिला कुपवाड़ा के कलमूना विलगाम का रहने वालाहै। वह एक नार्को टेरर माडयूल का सक्रिय सदस्य है। उसने गुलाम जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी सरगनाओं और तस्करों के साथ मिलकर तस्करी का एक नेटवर्क तैयार कर रखा था। वह उत्तरी कश्मीर में ड्रग्स कारोबार चला रहा था। वह गुलाम जम्मू-कश्मीर से आने वाले नशीले पदार्थों को कश्मीर में विभिन्न जगहों पर पहुंचाने के अलावा देश के अन्य भागों तक भी पहुंचाने का बंदोबस्त करता था। इन दोनों के खिलाफ सभी आवश्यक सबूत जमा किए गए हैं और यह दोनों पकड़े भी गए हैं और इनके खिलाफ मामले की सुनवाई भी जारी है।

    नार्को टेरर माड्यूल में शामिल था जूनियर असिस्टेंट नियुक्त

    उत्तरी कश्मीर में जिला कुपवाड़ा के अंतर्गत खुरहामा लालपोरा का रहने वाला बाजिल अहमद मीर स्कूल शिक्षा विभाग में बतौर जूनियर असिस्टेंट नियुक्त है। वह भी गुलाम जम्मू कश्मीर से संचालित होने वाले नार्को टेरर माडयूल में शामिल है और लोलाब व उसके साथ सटे इलाकों में एक नारकोटिक्स सिंडीकेट चला रहा था।

    हथियारों और नशीलें पदार्थों की तस्करी में शामिल था ग्राम सेवक

    जिला बारामूला में एलओसी के साथ सटे बसगरां उरी का रहने वाला मोहम्मद जैद शाह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में ग्राम सेवक है। लेकिन वह ग्राम सुधार के बजाय नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। वह जम्मू कश्मीर से भाग कर गुलाम जम्मू कश्मीर गए कई आतंकी सरगनाओं के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए नार्को टेरर का एक माडयूल में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।

    वह गुलाम जम्मू-कश्मीर से हेरोईन जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी से होने वाली कमाई का एक हिस्सा अपने पास रखता था, एक हिस्सा गुलाम जम्मू कश्मीर बैठे आतंकी सरगनाओं व तस्करों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाता था और शेष जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व अलगाववादियों तक पहुंचाता था।

    ये भी पढ़ें: Budget 2024: आतंकी हमलों के बीच जम्मू-कश्मीर को बजट में मिली कई बड़ी सौगातें, पर्यटन और ऊर्जा पर भी रखा फोकस

    ये भी पढ़ें: Maa Vaishno Devi: मां वैष्णो देवी के त्रिकूट पर्वत की और बढ़ेगी खूबसूरती, श्राइन बोर्ड शुरू करेगा ये खास अभियान

    comedy show banner
    comedy show banner