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    Jammu Kashmir के इन दुर्गम इलाकों में भी मिलेगी 4G इंटरनेट कनेक्टिविटी, सरकार ने BSNL को दी 37 कनाल जमीन

    By naveen sharmaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 08:11 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर में अब कोई भी 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहेगा। चाहें दुर्गम पहाड़ों मे बसा कोई गांव हो या फिर एलओसी पर कोई बस्ती हो हर जगह 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी। सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड को 4जी मोबाइल नेटवर्क केा सुनिश्चित बनाने के लिए 37 कनाल जमीन हस्तांतरित कर दी है। जमीन निशुल्क प्रदान करने के संदर्भ में आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं।

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    जम्मू कश्मीर के दुर्गम इलाकों में भी मिलेगी 4G इंटरनेट कनेक्टिविटी

    जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में चाहे दुर्गम पहाड़ों मे बसा कोई गांव हो या फिर एलओसी पर कोई बस्ती, अब कोई भी 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड को 4जी मोबाइल नेटवर्क केा सुनिश्चित बनाने के लिए 37 कनाल जमीन हस्तांतरित कर दी है। राजस्व विभाग ने यह जमीन निशुल्क प्रदान करने के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

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    जम्मू कश्मीर के कई पहाड़ी इलाकों के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के साथ सटे इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है बल्कि सुरक्षा एजेंसियों का काम काज भी प्रभावित होता है। प्रदेश में 303 गांव 4जी सेवा के दायरे से बाहर हैंं और कई बार स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को उपराज्यपाल प्रशासन के नोटिस में भी लाया है।

    राजस्व विभाग के सचिव पीयुष सिंगला ने बताया कि जिला रियासी,उधमपुर, डोडा,शोपियां,बारामुला, पुलवामा, रामबन, किश्तवाड़ और राजौरी में 93 चिह्नित जगहों पर 37 कनाल जमीन बीएसएनएल को 4जी सेवा के लिए हस्तांतरित की गई है।

    बीएसएनएल को मुफ्त में दी गई जमीन

    उन्होंने बताया कि बीएसएनएल को यह जमीन प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिए एक फैसले के मुताबिक ही दी गई है। बीएसएनएल इस जमीन पर अब संबधित विभागों की अनुमति और आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करते हुए अपनी ढांचागत सुविधाओं को तैयार कर सकता है, कोई भी निर्माण कर सकता है।

    बीएसएनएल को करना होगा आदेशों का पालन

    बीएसएनएल को राजस्व / वन / जम्मू-कश्मीर जल संसाधन (विनियमन और प्रबंधन) अधिनियम, 2010 / आवास और शहरी विकास विभाग, जल शक्ति विभाग से संबंधित कानून के सभी प्रावधानों का पालन करना होगा। अगर उक्त भूमि के उपयोग के संबंध में जम्मू-कश्मीर या किसी अन्य सक्षम न्यायालय, यदि कोई मुकदमा लंबित है, तो संबधित आदेशों का भी बीएसएनएल को पालन करना होगा।

    प्रदेश के 303 गांवों को किया जाएगा कवर

    यह जमीन निशुल्क प्रदान की गई है। यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के तहत निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की योजना के तहत प्रदेश के 303 गांवों को कवर किया जाएगा। इसके बाद जम्मू कशमीर में कोई भी बस्ती या क्षेत्र इंटरनेट कनेक्विटी के बिना नहीं रहेगा।