जम्मू के खाली प्लाटों में बसी बिना शौचालय वाली झुग्गियां, सस्ता आवास या गंदगी का अड्डा?
जम्मू शहर में खुले में शौच मुक्त का दर्जा खतरे में है। खाली प्लाटों पर झुग्गियां बनाकर भू-माफिया नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। नगर निगम की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है, जिससे खुले में शौच की समस्या बनी हुई है। सरकार शौचालय निर्माण के लिए सहायता प्रदान कर रही है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जम्मू नगर निगम के अधीन लाए गए क्षेत्रों में से कुछेक में अभी भी खुले में शौच जारी है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। खुले में शौच मुक्त का दर्जे वाले जम्मू शहर में खाली प्लाटों में झुग्गियां बनाकर चांदी काटने वाला भू-माफिया ओडीएफ को चुनौती देकर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान तो लगा ही रहा है, पर्यावरण से भी खिलवाड़ कर रहा है।
नगर निगम अधीनस्थ 75 वार्डों में कई ऐसे प्लाट हैं जहां बिना शौचालय के झुग्गियां बनी हुई हैं और इनमें रहने वाले लोग खुले में शौच को मजबूर हैं। यह लोग सस्ते में झुग्गी मिलने के चक्कर में रहते हैं तो वहीं झुग्गियां बनाकर किराये के रूप में एक प्लाट से ही हजारों रुपये कमाने वाले नियमों का धत्ता बता रहे हैं।
हालांकि नगर निगम की हेल्थ विंग ने शहर के विभिन्न इलाकों में ऐसे झुग्गियों को तोड़ने के लिए कार्रवाई जरूर शुरू की है लेकिन यह प्रक्रिया नाकाफी साबित हो रही है। कुछ माह पहले निगम ने सैनिक कालोनी, त्रिकुटा नगर में ऐसी झुग्गियां को खाली करवाते हुए तोड़ा था। अभी भी बहुत से क्षेत्र विशेषकर निगम के अधीन लाए गए क्षेत्रों में कुछ लोग खुले में शौच जारी है।
जम्मू शहर में 150 के करीब सार्वजनिक शौचालय है जिनमें 80 के करीब सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित हैं। जम्मू नगर निगम ने कई शौचालयों को गूगल मैप्स पर भी उपलब्ध कराया है ताकि लोगों को आसानी से अपने आसपास के शौचालयों का पता लग सके। नागरिक गूगल मैप्स या स्वच्छ गूगल पब्लिक टॉयलेट लोकेटर जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करके निकटतम शौचालय खोज सकते हैं।
अक्टूबर 2023 में मिला ओडीएफ माडल का दर्जा
जम्मू-कश्मीर सरकार ने वर्ष 2023 के अक्टूबर माह में प्रदेश को शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त प्लस (ओडीएफ ) माडल का दर्जा हासिल करने की घोषणा की थी। इसमें जम्मू शहर सहित 70 शहरी स्थानीय निकाय शामिल है। ओडीएफ स्थिति का मतलब है कि शौचालय उपलब्ध हैं और उनका उपयोग किया जा रहा है। साथ ही ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की भी व्यवस्था है।
यह उपलब्धि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी और ग्रामीण) के तहत हासिल की गई। इसके लिए सार्वजनिक और व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण पर जोर दिया गया, जिससे लोगों को खुले में शौच करने से रोका जा सके। खुले स्थानों पर शौच करने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में जम्मू को जम्मू-कश्मीर का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया, जो इन प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
19 को मनाया जाएगा शौचालय दिवस
बदलती दुनिया में स्वच्छता थीम के साथ इस साल विश्व शौचालय दिवस मनाया जा रहा है। जम्मू नगर निगम की ओर से छन्नी हिम्मत में इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें लोगों को जागरुक किया जाएगा। इस वर्ष का नारा हमें हमशो शौचालय की आवश्यकता होगी रखा गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
‘जम्मू को खुले में ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है। हर किसी के लिए शौचालय अनिवार्य किया गया है। ऐसी झुग्गी-झोपड़ियों को भी हटाया जा रहा है जिन्होंने शौचालय नहीं बनाए हैं। लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं। गरीब लोगों के सरकार की तरफ से 12 हजार रुपये शौचालय बनाने की स्कीम भी है।’ - अब्दुल स्तार, ज्वाइंट कमिश्नर, हेल्थ एंड सेनिटेशन

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