त्योहारों में जम्मू में जाम ही जाम, ट्रैफिक पुलिस की सड़कों से नदारदगी; अतिक्रमण के कारण बढ़ी समस्या
त्योहारों के मौसम में जम्मू शहर में भीषण जाम लगा हुआ है जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुख्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और ट्रैफिक पुलिस की कमी के कारण स्थिति और भी खराब है। अतिक्रमण और अवैध पार्किंग भी जाम के मुख्य कारण हैं कोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

दिनेश महाजन,जम्मू। त्योहारों के मौसम में जम्मू की सड़कें जाम के बोझ से कराह उठी हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक शहर की प्रमुख सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। तवी पुल, बिक्रम चौक, डोगरा चौक, कनाल रोड, बीसी रोड, रेजीडेंसी रोड से लेकर पुराने शहर के बाजारों तक जाम का आलम यह है कि पैदल गुजरना भी मुश्किल हो गया है। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग रहे हैं।
स्थिति यह है कि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में भी आधा से एक घंटा लग रहा है। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस सड़कों से नदारद है। मुख्य चौकों पर जहां सबसे ज्यादा जाम लगता है, वहां भी ट्रैफिक कर्मियों की अनुपस्थिति देखी जा रही है।
त्योहारों के दौरान बढ़े वाहन दबाव को देखते हुए कोई ठोस ट्रैफिक प्लानिंग नहीं की गई है। नतीजतन, जाम का संकट हर दिन गहराता जा रहा है। त्योहारों के मौसम में खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या और विकराल हो गई है। लोगों का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन भी इस जाम में फंसा रहता है, जिससे कार्यालय आने-जाने वालों को भारी मुश्किल होती है। स्कूली बच्चों के वाहन भी देर से पहुंच रहे हैं, जिससे अभिभावकों में आक्रोश है।
फुटपाथों और सड़कों पर अतिक्रमण बना बड़ी समस्या
जाम की एक प्रमुख वजह शहर में बढ़ता अतिक्रमण भी है। दुकानदारों ने फुटपाथ और सड़कों के किनारे अपना सामान सजा रखा है। इससे सड़कों की चौड़ाई घट गई है और वाहनों के लिए जगह कम पड़ रही है।
कोर्ट द्वारा जम्मू नगर निगम, जम्मू पुलिस और जिला प्रशासन को सड़कों से अतिक्रमण हटाने के स्पष्ट आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन आदेशों का पालन होता नहीं दिख रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के अभाव में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। कई जगहों पर सड़क किनारे अवैध पार्किंग भी जाम को और बढ़ा रही है।
पुलिस-प्रशासन मौन, कोर्ट आदेश भी ठंडे बस्ते में
शहर में अतिक्रमण हटाने को लेकर कोर्ट के आदेशों के बावजूद, संबंधित एजेंसियां कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही हैं। न तो अवैध पार्किंग पर अंकुश लगाया जा सका है, न ही सड़क किनारे फैले ठेलों और दुकानों को हटाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन तुरंत सख्ती नहीं बरतेगा, तो त्योहारों के अंतिम दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
जाम के प्रमुख कारण
- सड़क किनारे अवैध पार्किंग: दुकानों और बाजारों के पास बिना अनुमति वाहनों की पार्किंग।
- फुटपाथों पर अतिक्रमण: दुकानदारों द्वारा सड़कों पर कब्जा कर लेना।
- ट्रैफिक पुलिस की कमी: मुख्य चौकों पर कर्मियों की अनुपस्थिति।
- त्योहारों में बढ़ी भीड़: खरीदारी और घूमने वालों से वाहन दबाव में इजाफा।
- सड़क चौड़ीकरण में देरी: पुराने शहर की तंग गलियों में बढ़ते वाहन।
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