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    दरबार मूव की प्रथा फिर से शुरू से जम्मू के कारोबारी भी हुए उत्साहित, कहा- 'इससे शहर में लौटेगी रौनक'

    By Lalit Kumar Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 02:21 PM (IST)

    जम्मू के कारोबारी दरबार मूव की बहाली से उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे शहर में फिर से रौनक लौटेगी और व्यापार में वृद्धि होगी। दरबार मूव, जिसमें सरकार हर छह महीने में श्रीनगर और जम्मू के बीच स्थानांतरित होती थी, को 2021 में बंद कर दिया गया था, जिसे अब फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है। 

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    कारोबारियों का कहना है कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता था।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में दशकों से चली आ रही दरबार मूव की प्रथा फिर से बहाल करने के उमर सरकार के फैसले से चाहे सरकारी खजाने पर सालाना 200 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ रहा हो लेकिन जम्मू के स्थानीय कारोबारी इस फैसले से काफी उत्साहित है और उन्हें उम्मीद है कि दरबार मूव होने से जम्मू के बाजारों की खोई हुई रौनक फिर लौट आएगी।

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    जम्मू के व्यापारी सरकार के इस फैसले का गर्मजोशी व उत्साह के साथ स्वागत कर रहे हैं और इस उम्मीद में खुशी मना रहे हैं कि इससे अब पहले की तरह ही जम्मू में कश्मीर के कर्मचारी छह महीने तक रहेंगे जिससे स्थानीय स्तर पर खरीदारी बढ़ेगी।

    व्यापारियों की माने तो जम्मू के बाजारों में खरीदारी मुख्य रूप से कश्मीर से आने वाले कर्मचारियों, उनके परिजनों व रिश्तेदारों पर ही निर्भर थी और जब से दरबार मूव बंद था, यहां का कारोबार बुरे दौर से गुजर रहा था। व्यापार जगत की माने तो यह दरबार मूव केवल कारोबार के लिहाज से ही नहीं, बल्कि दोनों संभाग के सांस्कृतिक झुड़ाव व आपसी भाईचारे को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है।

    -दरबार मूव बहाल करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बधाई के पात्र है। जब उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी तो अपनी पहली मुलाकात में ही हमने दरबार मूव बहाल करने की मांग उनके समक्ष रखी थी और उन्होंने इस मांग को पूरा करने का वादा किया था। उमर अब्दुल्ला ने अपना वादा पूरा कर दिया है और हमें पूरी उम्मीद है कि इससे जम्मू के कारोबार की खोई रौनक लौट आएगी। -अरूण गुप्ता, प्रधान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू

    -दरबार मूव केवल व्यापार के लिए नहीं, बल्कि दोनों संभाग के लोगों के आपसी भाईचारे के लिए भी महत्वपूर्ण है। दरबार मूव बंद होने से कश्मीर व जम्मू में दूरियां बढ़ रही थी। जब दोनों संभाग के लोग साल में छह महीने एक-दूसरे के शहर में रहते हैं तो इससे भाईचारा और जुड़ाव बढ़ता है और हमें पूरी प्रदेश को एक साथ लेकर आगे बढ़ना है। लिहाजा सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और हम इसका स्वागत करते हैं। -दीपक गुप्ता, प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट

    -दरबार मूव होने से सिर्फ जम्मू के व्यापार को ही फायदा नहीं होगा। इससे प्रदेश के दोनों हिस्सों में साल भर आर्थिक गतिविधियां और ढांचागत विकास कार्य जारी रहेंगे। दोनों संभाग में प्रशासनिक अधिकारियों की साल भर की मौजूदगी से विकास कार्यों की बेहतर निगरानी हो पाएगी। दरबार मूव होने से सर्दियों के सर्द मौसम में बाजारों में ग्राहकों की गर्माहट रहेगी। जो बाजार सर्दियों के दिनों में पिछले कुछ सालों से वीरान नजर आ रहे थे, वो फिर गुलजार होंगे। -राहुल सहाय, प्रधान इंडियन चैंबर आफ कामर्स

    -हम उपराज्यपाल प्रशासन से लगातार दरबार मूव बहाल करने की मांग करते आ रहे थे। सरकार इस प्रथा को बहाल करने से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ पर ही ध्यान दे रही थी लेकिन यह उससे कहीं अधिक फायदेमंद है। इससे जम्मू का कारोबार फिर से जीवित हो उठेगा। एक बार फिर से कश्मीर से कर्मचारी व उनके परिवार जम्मू में रूकेंगे तो इससे हर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। हम इसका स्वागत करते हैं। -नीरज आनंद, प्रधान चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन