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    Jammu: कारोबारियों के लिए बड़ा एलान, अब हर हफ्ते देनी होगी चीनी और तेल से जुड़ी जानकारी; इसलिए लाया गया आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 05:30 AM (IST)

    Jammu चीनी व खाद्य तेल का कारोबार करने वाले हर छोटे-बड़े व्यापारी को अब हर सप्ताह भंडारण की जानकारी सरकार को देनी होगी। इस आदेश के अनुसार चीनी व वनस्पति तेल का कारोबार करने वाले थोक विक्रेता से लेकर खुदरा विक्रेता तक को सप्ताह के हर सोमवार को विभाग के पोर्टल पर अपना स्टॉक अपडेट करना होगा। जम्मू-कश्मीर में लागू करवाने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है।

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    Jammu: कारोबारियों के लिए बड़ा एलान, अब हर हफ्ते देनी होगी चीनी और तेल से जुड़ी जानकारी

    जम्मू, जागरण संवाददाता। चीनी व खाद्य तेल का कारोबार करने वाले हर छोटे-बड़े व्यापारी को अब हर सप्ताह भंडारण की जानकारी सरकार को देनी होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य व जन वितरण मंत्रालय के अधीन आने वाले चीनी व वनस्पति तेल निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में एक आदेश जारी किया गया है।

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    हर हफ्ते स्टॉक की जानकारी करनी होगी अपलोड

    इस आदेश के अनुसार चीनी व वनस्पति तेल का कारोबार करने वाले थोक विक्रेता से लेकर खुदरा विक्रेता तक को सप्ताह के हर सोमवार को विभाग के पोर्टल पर अपना स्टॉक अपडेट करना होगा। केंद्र सरकार के इस आदेश को जम्मू-कश्मीर में लागू करवाने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है।

    जम्मू-कश्मीर उपभोक्ता मामलों एवं खाद्य व जन-वितरण विभाग इस आदेश का अध्ययन करके आने वाले दिनों में थोक व खुदरा स्तर पर व्यापारियों के लिए चीनी व खाद्य तेल के भंडारण की सीमा भी तय करेगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के दामों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर ऐसे आदेश जारी होते हैं। जैसे प्याज के दाम बढ़ने पर सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी।

    उसी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी व खाद्य तेल की किल्लत को देखते हुए निर्यात बंद किया गया है। ऐसे में देश में इनका जरूरत से अधिक भंडारण न हो और आने वाले समय में किसी तरह की कालाबाजारी न हो, इसलिए ऐसे आदेश जारी होते हैं।

    जनसंख्या व क्षेत्र के आधार पर तय होती है सीमा

    खाद्य विभाग जब कभी भी किसी खाद्य वस्तु के भंडारण की सीमा तय करता है तो उसमें मुख्य रूप से जनसंख्या व क्षेत्रफल को आधार बनाया जाता है। किसी भी प्रदेश का क्षेत्रफल व जनसंख्या को देखते हुए उसके भंडारण की सीमा तय की जाती है। इसके बाद खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यापारियों की संख्या के आधार पर निचले स्तर पर भंडारण की सीमा तय होती है। व्यापारियों के साथ उत्पादन करने वालों के भंडारण की सीमा भी इसी आधार पर तय होती है।

    जम्मू में बड़े गोदाम नहीं

    जम्मू में किसी व्यापारी के पास इतने बड़े गोदाम नहीं हैं, कि वह बहुत ज्यादा माल का भंडारण कर सके। जम्मू खाद्य वस्तुओं के लिए पूरी तरह से बाहरी राज्यों पर निर्भर है। दाम भी कम-ज्यादा होते रहते हैं। इसलिए व्यापारी उतना ही माल मंगवाते हैं, जितना जल्द बिक जाए। भंडारण जैसी स्थित उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली व महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में देखने को मिलती है।

    केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से ऐसा आदेश आया है। हम इसका अध्ययन कर रहे हैं। सोमवार के बाद इस पर विस्तार से विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद ही भंडारण की सीमा का आकलन करते हुए स्थानीय स्तर पर इस बारे में निर्देश जारी किए जाएंगे।

    -रिफत कोहली, डायरेक्टर, सीएपीडी, जम्मू

    खाद्य वस्तुओं के भंडारण की सीमा तय करने के संदर्भ में पहले भी ऐसे आदेश आते रहे हैं, लेकिन जम्मू जैसे छोटे शहर में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जम्मू में न तो उत्पादन है और न ही कोई इतने बड़े थोक कारोबारी जो हजारों टन चीनी या हजारों किलो खाद्य तेल का भंडार कर सके।

    यहां रिटेलर के पास एक-दो बोरी चीनी होती है और दो-चार टिन तेल। इसी तरह थोक कारोबार में भी भंडारण काफी सीमित रहता है।

    -मुनीष महाजन, वरिष्ठ उप प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, नेहरू मार्केट