जम्मू बाबे वाली माता मंदिर का नया रूप, फव्वारों की आकर्षक सजावट, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मिलेगा नया अनुभव
जम्मू में बाबे वाली माता मंदिर का नवीनीकरण किया गया है, जिसमें फव्वारों से आकर्षक सजावट की गई है। मंदिर का नया रूप पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक नया अ ...और पढ़ें

अब बावे माता आने वाले श्रद्धालुओं को धूप, बारिश या मौसम की अन्य असुविधाओं से राहत मिलेगी।
दिनेश महाजन, जम्मू। जम्मू के ऐतिहासिक बाहु किले में स्थित बाबे वाली माता मंदिर (काली माता मंदिर) अब नए रूप में नजर आ रहा है। जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा मंदिर परिसर में किए गए व्यापक सौंदर्यीकरण और विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और परिसर की सुंदरता को ध्यान में रखते हुए करीब 2.5 करोड़ रुपये की लागत से यह परियोजना पूरी की गई।
धार्मिक महत्व वाले इस मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जबकि नवरात्रों के दौरान यहां भारी भीड़ रहती है। लंबे समय से मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन और बुनियादी सुविधाओं के अभाव की समस्या सामने आती थी। श्रद्धालुओं को खुले आसमान के नीचे कतार में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता था, जिस कारण लंबे समय से यहां सुधार की मांग उठ रही थी।
इस परियोजना में लैंडस्केपिंग, फर्श पुनर्निर्माण, कतार प्रबंधन, शेड निर्माण, और सजावटी तत्वों को शामिल किया गया। मंदिर के फर्श को आकर्षक और टिकाऊ बनाने के लिए सेंडस्टोन, मार्बल फ्लोरिंग, और इन-ले कार्य का उपयोग किया गया है, जिससे मंदिर का पारंपरिक और भव्य स्वरूप और निखर गया है। साथ ही, भीड़ प्रबंधन को सुचारु बनाने के लिए मंदिर परिसर में शेड और सजावटी खंभे लगाए गए हैं। इन खंभों और शेड के कारण अब श्रद्धालुओं को धूप, बारिश या मौसम की अन्य असुविधाओं से राहत मिलेगी। इसके अलावा परिसर में फव्वारों की आकर्षक सजावट भी की गई है, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक नए अनुभव से जोड़ती है।
अब परिसर का नया स्वरूप इस दिशा में बड़ी उपलब्धि
जम्मू स्मार्ट सिटी के असिस्टेंट एग्जिक्यूटिव इंजीनियर सलीम अली ने बताया कि, मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम नवंबर 2023 में शुरू हुआ था, जिसे अब सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। हमारा उद्देश्य था कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके, और अब परिसर का नया स्वरूप इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
श्रद्धालुओं ने भी इस विकास कार्य का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से मंदिर परिसर के आधुनिकीकरण की जरूरत महसूस की जा रही थी। अब परिसर न केवल ज्यादा आकर्षक हो गया है बल्कि भक्तों के लिए सुविधाजनक भी हो गया है। जम्मू स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए इस कार्य से बागे बाहु क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
बावे वाली माता मंदिर का है धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
बाबे वाली माता, जिन्हें काली माता के रूप में भी जाना जाता है, जम्मू शहर के ऐतिहासिक बागे–बाहु क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन और शक्तिशाली मंदिर है। यह मंदिर बहु किले के समीप पहाड़ी पर स्थित है, जहां से तवी नदी का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। माना जाता है कि इस स्थान पर माता काली की उपासना सदियों से हो रही है। डोगरा शासकों के काल में इस मंदिर को विशेष संरक्षण मिला और आसपास के क्षेत्र का विकास भी धार्मिक–सांस्कृतिक केंद्र के रूप में हुआ।
मंदिर की मान्यता है कि माता यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। नवरात्रों के दौरान यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और वातावरण श्रद्धा, भक्ति व उत्साह से भर जाता है। बागे बाहु की पहचान इस मंदिर से ही जुड़ी है और आज भी यह जम्मू की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का प्रमुख प्रतीक माना जाता है।

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