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    J&K News: दुश्मन पर निशाना साधने को तैयार हो रहे सीमांतवासी, BSF ने दी हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग

    Updated: Tue, 10 Jun 2025 06:34 PM (IST)

    जम्मू में सीमा की सुरक्षा के लिए विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) को सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीएसएफ जवानों द्वारा रामगढ़ में आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वीडीजी को देश विरोधी तत्वों का मुकाबला करने के लिए तैयार करना है। सीमांतवासियों को फायरिंग हथियार संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी दी जा रही है जिससे सीमा पर सुरक्षा घेरा मजबूत हो सके।

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    सांबा के रामगढ़ में वीडीजी के सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते सीमा सुरक्षा बल के प्रशिक्षक।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। सीमा की सुरक्षा व देश विरोधी तत्वों का सामना करने के लिए विलेज डिफेंस ग्रुप में शामिल सीमांतवासी सेल्फ लोडिंग राइफल चलाने में दक्ष हो रहे हैं। सांबा के रामगढ़ में मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने वीडीजी के सदस्यों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सिखाया कि उन्हें देशविरोधी तत्वों के मंसूबों को किस तरह से नाकाम बनाना है।

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    इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के प्रशिक्षकों ने उन्हें फायरिंग, बुनियादी हथियार संचालन, सामरिक अभ्यास व सुरक्षा प्रोटोकाल के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का उद्देश्य सीमा पर वीडीजी का सशक्त सुरक्षा घेरा बनाना है।

    प्रदेश में 200 किलोमीटर के करीब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश के दुश्मनों को नाकाम बनाने के लिए तीसरा घेरा सीमांतवासियों का है। पाकिस्तान की पूरी कोशिश रहती है कि वह खूनखराबा करने के लिए सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ करवाए।

    ऐसे में सीमांत गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली वीडीजी को सिखाया जा रहा है कि उन्हें 7.62 एमएम एसएलआर का रख-रखाव, इसे दुश्मन पर गोली दागने के लिए तैयार रखने के साथ दुश्मन पर पक्का निशाना किस तरह से लगाना है। वीडीजी में शामिल काफी सीमांतवासी सेना, सुरक्षाबलों के सेवानृवित कर्मी हैं। ऐसे में वे दुश्मन का सामना करना का खासा अनुभव रखते हैं।

    पहले विलेज डिफेंस ग्रुप के सदस्यों के पास आतंकियों का सामना करने के लिए थ्री नॉट थ्री राइफल होती थी। इसमें गोली चलाने के लिए पहले इसे लोड़ करना पड़ता था। ऐसे में वीडीजी को एक 47 से लैस आतंकियों का सामना करने में मुश्किल होती थी।

    आतंकियों का सामना करने के लिए वीडीजी के सदस्यों को एसएलआर देने की प्रक्रिया वर्ष 2023 में शुरू हुई थी। अब वीडीजी के सदस्यों के पास आतंकियों से लोहा लेने के लिए एसएलआर राइफलें हैं। इस राइफल में गोलियां ऑटोमेटिक तरीके से लोड़ होने के कारण आतंकियों पर त्वरित प्रहार करना संभव होता है।

    प्रदेश में ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू में सीमा पर उच्चतम स्तर की सर्तकता बरती जा रही है। ऐसे में सेना, सीमा सुरक्षा बल अपने स्तर पर सुरक्षा तैयारियां करने के साथ सीमांत वासियों को भी तैयार कर रहे हैं। आपरेशन सिंदूर के दौरान सांबा में दोनों ओर से गोलाबारी के बीच आतंकियों की घुसपैठ करवाने की साजिश भी हुई थी।

    ऐसे में ग्रामीणों का भी तैयार होना जरूरी है। इस समय सेना, सीमा सुरक्षा बल के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस भी विलेज डिफेंस ग्रुप को मजबूत बना रही है। हाल ही में सेना की टाइगर डिवीजन ने शहर के सुंजवां में सौ के करीब वीडीजी सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी।

    सेना के साथ सीमा सुरक्षा बल, जम्मू फ्रंटियर भी जम्मू सेक्टर के सीमावर्ती क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से वीडीजी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ऐसे में रामगढ़ से पहले सीसुब ने जम्मू के अखनूर, अरनिया, आरएस पुरा में वीडीजी द्वारा हथियार चलाने, सुरक्षा खतरों का जवाब देने के लिए तैयार किया था।