आतंक पीड़ितों को न्याय मिलेगा, असली मालिकों को मिलेंगी जब्त की गई संपत्तियां; LG मनोज सिन्हा का वादा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन आतंकवाद प्रभावित परिवारों के गैरपंजीकृत मामलों की जांच करेगा और संपत्तियां वापस करेगा। पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया गया है। बारामूला में उन्होंने कहा कि वित्तीय सहायता और स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। सिन्हा ने न्याय नौकरी मान्यता और सहायता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई और दुष्प्रचार करने वालों को चेतावनी दी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा नेकहा कि प्रशासन आतंकवाद प्रभावित परिवारों से जुड़े सभी गैरपंजीकृत मामलों की जांच करेगा और जब्त की गई संपत्तियों को उनके असली मालिकों को वापस करना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ विमर्श के बाद आतंकवाद पीड़ित परिवारों के पात्र सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों द्वारा मारे गए कश्मीरी पंडितों के मामलों की गहन जांच का भी आश्वासन दिया।
बारामूला में रविवार को आतंकवाद प्रभावित परिवारों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जिन लोगों को वित्तीय सहायता नहीं मिली है, उन्हें अब सहायता प्रदान की जाएगी। हम स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय, नौकरी, मान्यता और सहायता सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वे वर्षों की पीड़ा के बाद नौकरी व सम्मान के हकदार हैं। आतंकवाद पीड़ित परिवार जिन्हें त्याग और भुला दिया गया, दशकों तक चुपचाप कष्ट सहते रहे। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा बेरहमी से मारे गए उनके प्रियजनों की कहानियां सामने लाई जा रही हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि इन परिवारों की सच्चाई जानबूझकर दबा दी गई। कोई भी उनके आंसू पोंछने नहीं आया। सभी जानते थे कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी क्रूर हत्याओं में शामिल थे, लेकिन किसी ने भी उनके बुज़ुर्ग माता-पिता, पत्नियों, भाइयों या बहनों को न्याय नहीं दिलाया। दुष्प्रचार करने वालों को चेताया उपराज्यपाल ने देश की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले और गलत धारणा फैलाने वाले तत्वों को कड़ी चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों के नरेटिव का प्रचार करके वे खून पसीने से स्थापित शांति को भंग कर रहे हैं। लगभग तीन दशकों से ऐसे तत्व यहां राज कर रहे थे और यहां तक कि इन परिवारों को धमका भी रहे थे।
इन तत्वों ने बड़ी चतुराई से एक अनोखी धारणा गढ़ी थी, जिसमें भारत को हमलावर और आतंकियों को पीड़ित दिखाया गया था। यह झूठी धारणा पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। आतंकवाद के असली पीड़ितों ने अब पाकिस्तान और आतंकी संगठनों का पर्दाफाश कर दिया है और दुष्प्रचार करने वाले तत्वों का पर्दाफाश कर दिया है।
अब नहीं होगा हत्यारों का पुनर्वास
उपराज्यपाल ने लोगों को आश्वस्त किया कि वे दिन अब लद गए जब खूंखार आतंकियों के परिवारों को नौकरी मिलती थी और आम कश्मीरियों के हत्यारों का पुनर्वास किया जाता था। हम उन तत्वों की पहचान कर रहे हैं और उन्हें सरकारी नौकरियों से हटा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के वास्तविक पीड़ितों का पुनर्वास करेंगे। कुछ ऐसे तत्व हैं, जो आतंकी देश पाकिस्तान के इशारे पर अभी भी आतंकतंत्र को पोषित करने का काम कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और हम आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के सपने को साकार करेंगे।
पीड़ित परिवारों के दरवाजे तक पहुंचेगा प्रशासन
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासन अब उन सभी परिवारों के दरवाजे तक पहुंचेगा जो दशकों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उनके लिए नौकरी, पुनर्वास और आजीविका की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर समावेशी विकास, शांति और सामाजिक न्याय का एक स्वर्णिम अध्याय लिख रहा है। उन्होंने कुशल, पारदर्शी और जनकेंद्रित शासन का मार्ग प्रशस्त किया है।
आतंकवाद पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने के लिए जिलों में हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं। हमें सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं। कई मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं की गईं, जमीन पर अतिक्रमण किया गया और संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया। मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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