Jammu Kashmir News: ओजीडब्ल्यू की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज की, आतंकी गतिविधि में शामिल होने के मिले सबूत
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अल-बदर के ओवरग्राउंड वर्कर गुलाम नबी राथर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। राथर पर सुरक्षाबलों ने 2021 में ग्रेनेड और गोला बारूद बरामद किया था जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने कहा कि राथर के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। हाईकोर्ट ने आतंकी संगठन अल-बदर के ओवरग्राउंड वर्कर गुलाम नबी राथर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इससे पहले 31 दिसंबर 2024 को कुपवाड़ा कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी को खारिज किया था जिसे आरोपित ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
केस के मुताबिक 12 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबलों के कचलू क्रासिंग पर लगे नाके को देखकर आरोपित व उसके साथियों ने भागने का प्रयास किया जिन्हें सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया।
राथर से अल-बदर का लेटरपैड बरामद हुआ। उसके साथियों से ग्रेनेड बरामद हुआ और बाद में उनकी निशानदेही पर अन्य गोला बारूद बरामद किया। आरोपित के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने के पर्याप्त सुबूत है।
दो महिला डेलीवेजरों को स्थायी करने का आदेश
हाईकोर्ट ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के फैसले को बरकरार रखते हुए कृषि विभाग की दो महिला डेलीवेजरों को स्थायी करने का आदेश दिया है।
केस के मुताबिक बेबी टिक्कू दिसंबर 1992 और एंजेस अक्टूबर 1992 में कृषि विभाग में डेलीवेजर नियुक्त हुई थी और वर्ष 2000 तक नियमित सेवाएं देने के बाद विभाग के निदेशक ने कई बार उन्हें स्थायी करने की सिफारिश की लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी ने बिना कोई ठोस कारण बताए, प्रस्ताव खारिज कर दिया।
कैट ने फैसला सुनाते हुए उन्हें स्थायी करने का निर्देश दिया था। कैट के निर्देश का पालन करने की बजाय प्रशासन की ओर से इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
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