Jammu Kashmir : कश्मीर के क्रिकेट बैट उद्योग को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने में जुटी जम्मू-कश्मीर सरकार
Kashmir Cricket Bat Industry दक्षिण कश्मीर में बिजबिहाड़ा चुरसु हल्लमुल्ला संगम पुजटेंग मिर्जापुर और सेथर समेत सात गांवों में क्रिकेट बैट बनाए जाते हैं। बैट निर्माण की करीब 400 इकाइयां करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर के क्रिकेट बैट उद्योग को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इसके लिए कई योजनाएं लागू कर रही हैं। बीते दिनों केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भी कश्मीर का दौरा किया है, ताकि बैट निर्माण व लकड़ी आधारित उद्योगों के विकास के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू किया जाए।
जम्मू कश्मीर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अनुसार, कश्मीर में उपलब्ध विलो की लकड़ी बैट निर्माण के लिए बेहतर है। इस लकड़ी से बना बैट काफी मजबूत माना जाता है। बैट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण कश्मीर के सेथर बिजबिहाड़ा में 4.61 करोड़ की लागत से कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी)तैयार किया गया है। इसके अलावा 2.46 करोड़ की लागत से पीपीडीसी (प्रोसेस-कम-प्रोडक्ट डेवलपमेंट सेंटर) मेरठ की ओर से जरूरी मशीनरी व अन्य ढांचागत सुविधाएं तैयार की गई हैं। सीएफसी में विलो क्लेफ्ट की सीजङ्क्षनग की सुविधा है। इसमें क्रिकेट बैट तैयार करने वाले सभी कारखाना मालिकों के लिए ढांचागत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि विश्वस्तरीय क्रिकेट बैट तैयार किए जा सकें।
दक्षिण कश्मीर में बिजबिहाड़ा , चुरसु, हल्लमुल्ला, संगम, पुजटेंग, मिर्जापुर और सेथर समेत सात गांवों में क्रिकेट बैट बनाए जाते हैं। बैट निर्माण की करीब 400 इकाइयां करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती हैं। सेथर संगम को क्रिकेट बैट निर्माण के आधार पर एक औद्योगिक क्लस्टर के तौर पर अधिसूचित किया गया है। प्रदेश सरकार ने जिला अनंतनाग और पुलवामा में बैट तैयार करने वाले कारखाना मालिकों को पंजीकरण प्रमाणपत्र भी प्रदान किए हैं, ताकि वो इस उद्योग को मजबूत बनाने के लिए सरकार से सभी लाभ प्राप्त कर सकें।
पीपीडीसी मेरठ की टीम ने दौरा कर तैयार की कार्ययोजना : मेरठ स्थित पीपीडीसी अधिकारियों की एक टीम ने भी लकड़ी आधारित उद्योग में एमएसएमई के समन्वय के तरीकों का पता लगाने के लिए सेथर, अनंतनाग स्थित क्रिकेट बैट क्लस्टर का दौरा किया है। टीम ने स्थानीय परिस्थितियों का आकलन करते हुए स्थानीय बैट उद्योग को फिर से जीवित करने की कार्ययोजना तैयार की है। इस क्लस्टर का पहले वित्तोपोषण केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय ने किया था और वह इस क्लस्टर को आगे ले जाने के लिए आवश्यक मदद करने को तैयार है।
कश्मीरी बैट का कई देशों के खिलाड़ी कर रहे इस्तेमाल : कश्मीर की विलो लकड़ी दुनिया भर में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। इसको लेकर दुनियाभर के क्रिकेटर उत्साहित हैं। अब कई विदेशी खिलाड़ी कश्मीरी लकड़ी विलो से बने क्रिकेट बैट भी इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय खेल सामान पर आयात-निर्यात भारतीय बैंक की ओर से किए गए एक अध्ययन इंडियन स्पोट्र्स गुड्स इंडस्ट्री, स्ट्रेटजी फार टैङ्क्षपग एक्सपोर्ट पोटेंशियल के मुताबिक कश्मीरी लकड़ी विलो से निर्मित बैट की विश्व बाजार में अच्छी संभावना है। प्रदेश सरकार बैट निर्माताओं को जीआई टैङ्क्षगग के संबध में जागरूकता पैदा करने के अलावा उन्हें सभी आवश्यक समर्थन व सहयोग भी प्रदान कर रही है। उद्योग एवं वाणिज्य निदेशालय ने लोगो और जीआइ टैङ्क्षगग प्रदान करने के मुददे को निदेशक, शिल्प विकास संस्थान श्रीनगर के समक्ष उठाया है।