जम्मू-कश्मीर उपचुनाव: नेकां ने बडगाम सीट पर घोषित किया उम्मीदवार, आगा सैयद महमूद को मिला टिकट
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस को नगरोटा सीट के उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का इंतजार है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस ने आगा सैयद महमूद को बडगाम से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस हाईकमान को नगरोटा पर फैसला लेना है, जहाँ बलवान सिंह का नाम आगे है। राज्यसभा सीट को लेकर दोनों दलों में तनाव है। नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक है और कांग्रेस में नेकां के प्रति नाराजगी है।
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नेकां ने बडगाम सीट से घोषित किया उम्मीदवार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रदेश कांग्रेस को आज रविवार दिन भर नगरोटा विधानसभा सीट के उपचुनाव से अपने उम्मीदवार का नाम घोषित होने का इंतजार रहा। वहीं नेकां ने पूर्व मंत्री आगा सैयद महमूद को बडगाम से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने नगरोटा विस सीट पर उम्मीदवार के नाम के मामले पर फैसला लेना है।
हालांकि नगरोटा उपचुनाव से कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बलवान सिंह का नाम तय माना जा रहा है लेकिन पार्टी हाईकमान ने अंतिम मुहर लगानी है। नेशनल कांफ्रेंस भी कांग्रेस के रूख को देख रही है। राज्यसभा की सुरक्षित सीट कांग्रेस के लिए नहीं रखे जाने के बाद दोनों सहयोगी दलों में खटास है। कांग्रेस हाईकमान ने नेकां के इस रवैये को गंभीरता से लिया है। हाईकमान नेकां नेतृत्व से नाराज है।
सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नगरोटा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलवान सिंह ने पूरी तैयारी कर ली है। उधर बडगाम विधानसभा क्षेत्र के लिए नेशनल कांफ्रेंस ने आगा सैयद महमूद का नाम फाइनल कर दिया है।
पार्टी ने इसकी जानकारी आज शाम को अपने अधिकारिक टि्वटर हैंडल पर दी। पार्टी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर आगा सैयद महमूद को बडगाम विस सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। यह सीट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छोड़ी थी। मुख्यमंत्री दो सीटों पर विस चुनाव जीते थे जिसमें गांदरबल व बडगाम शामिल थी।
इस सीट पर साल 1977 से नेकां का वर्चस्व रहा है। इस सीट पर मुस्लिम समुदाय के सुन्नी व शिया के वोट हैं। इस सीट पर भाजपा के सैयद मोहसिन चुनाव मैदान में हैं। वहीं उम्मीदवारों के नाम घोषित करने में देरी से प्रदेश कांग्रेस में भी बेचैनी है लेकिन अधिकतर नेता चाहते है कि पार्टी को नेकां के खिलाफ सख्त रवैया अपनाना चाहिए क्योंकि एक साल में नेकां ने यह एहसास करवाया है कि उसके पास बहुमत है और उसे कांग्रेस की जरूरत नहीं है।
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