जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाउसबोट में अनिवार्य किए आग से निपटने अग्निशमन उपकरण, बीमा होगा जरूरी
हाउसबोट का कहीं कोई बीमा भी नहीं कराया जाता। प्रत्येक हाउसबोट की कीमत लाखों में होती है जब कोई हाउसबोट तबाह हो जाता है तो उसके मालिक के पास इतनी हिम्म ...और पढ़ें

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : डल, नगीन झील और झेलम दरिया में स्थित सभी हाउसबोट में आग की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमक व्यवस्था को प्रशासन ने अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही प्रत्येक हाउसबोट मालिक को अपने-अपने हाउसबोट का बीमा भी कराना होगा। अन्यथा, उनका पंजीकरण नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने हाउसबोट मालिकों और हाउसबोट में ठहरने वालों के जान-माल की सुरक्षा के लिए ही यह कदम उठाया है।
कश्मीर में लगभग डेढ़ हजार के करीब छोटे बड़े हाउसबोट हैं। कश्मीर घूमने आने वाले प्रत्येक पर्यटक की इच्छा होती है कि वह कुछ समय हाउसबोट में जरुर बिताए। लकड़ी से बने हाउसबोट भीतर से बहुत ही खूबसूरत होते हैं और इनके भीतर लकड़ी पर हुआ नक्काशीदार काम किसी को भी मोह लेता है। एक हाउसबोट की कीमत उसके आकार और उसमें हुए लकड़ी के काम व सैलानियों के लिए जुटायी गई सुविधाओं के आधार पर 70 लाख से लेकर पांच करोड़ तक होती है।
लकड़ी से निर्मित होने के कारण कई बार किसी की असावधानी और बिजली की तारों में शाट सर्किट के कारण कई बार हाउसबोट में आग लग जाती है। बीते दो माह के दौरान डल और नगीन झील में आग में की विभिन्न घटनाओं में करीब एक दर्जन हाउसबोट पूरी तरह तबाह हुए हैं। इसके अलावा एक हाउसबोट मालिक की नौ वर्षीय बेटी भी आग में झुलसकर मारी गई।
पर्यटन निदेशक अहसान उल हक ने कहा कि हाउसबोट कश्मीर के पर्यटन की अपनी एक विशिष्ट पहचान हैं। यह हमारी धरोहर हैं। यहां कई परिवारों की रोजी रोटी हाउसबोट के जरिए ही चलती है, लेकिन हमने देखा है कि इन हाउसबोट में आग लगने जैसी घटनाओं से निपटने की कोई पर्याप्त और प्रभावकारी व्यवस्था नहीं है।इसके अलावा हाउसबोट का कहीं कोई बीमा भी नहीं कराया जाता। प्रत्येक हाउसबोट की कीमत लाखों में होती है, जब कोई हाउसबोट तबाह हो जाता है तो उसके मालिक के पास इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह दूसरा हाउसबोट बनवा सके या क्षतिग्रस्त हाउसबोट की मुरम्मत करा सके। वह सरकार से मदद की उम्मीद करते हैं, लेकिन सरकार की भी अपनी एक सीमा होती है। हम बार-बार हाउसबोट मालिकों से आग्रह कर चुके हैं कि वे अपने-अपने हाउसबोट का बीमा कराएं, हाउसबोट में आग से निपटने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण भी रखें।
उन्होंने कहा कि हमने अभी एक दो दिन पूर्व भी कश्मीर हाउसबोट औनर्स एसोसिएशन को और हाउसबोट मालिकों से फिर संपर्क कर उन्हें बीमा कराने और अपने-अपने हाउसबोट का फायर आडिट कराने के लिए कहा है। सभी हाउसबोट मालिकों से कहा गया है कि वह किसी पंजीकृत बीमा कंपनी से ही अपने हाउसबोट का बीमा कराएं। जेएंडके फायर इमरजेंसी सर्विस डिपार्टमेंट की निर्देशावली के अनुरूप हाउसबोट में आग से बचाव का प्रबंध करते हुए अग्निकशामक यंत्र लगाए और संबधित प्राधिकरण से फायर आडिट कराएं। इसके बिना अब न हाउसबोट का पंजीकरण होगा और न पंजीकरण का नवीनीकरण।
कश्मीर हाउसबोट औनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता मोहम्मद याकूब दुनु ने कहा कि सभी हाउसबोट मालिक अपने आपने हाउसबोट की देखभाल करने में, उसे बनाए रखने में हर संभव प्रयास करता है। लेकिन बीमा कंपनियाें की औपचारिकताओं और प्रीमियम के मामले में हमारे लिए बहुत दिक्कत है। आप मौजूदा सीजन की बात न करें, आप पिछले कुछ वर्षाें के ेदौरान हमारी स्थिति का आकलन करें। अगर आज की भीड़ को देखें तो भी हमारा घाटा जो हमने बीते कुछ वर्षाें के दौरान उठाया है, पूरा नहीं होता। हमारा बिजली का बिल ही लाखों में बकाया है। हमने प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग से कई बार आग्रह किया है कि वह हमें बीमा कवर प्राप्त करने में कोई आसान पैकेज प्रदान करे।

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