जम्मू हवाई अड्डे पर सुरक्षा इंतजामों की परीक्षा, पुलिस-बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड ने माक ड्रिल में परखी तैयारियां
जम्मू हवाई अड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड ने मिलकर मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य हवाई अड्डे की सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन करना था। ड्रिल में संदिग्ध वस्तुओं की पहचान और बम निरोधक कार्रवाई जैसे परिदृश्यों का अभ्यास किया गया, जिससे सुरक्षा कर्मियों की तत्परता का आकलन किया गया।

अधिकारियों ने नियमित अभ्यास की आवश्यकता पर जोर दिया।
जागरण संवाददाता, जम्मू। सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करने तथा किसी भी संभावित आतंकी खतरे से निपटने की तैयारी को परखने के उद्देश्य से को जम्मू हवाई स्टेशन पर एक व्यापक माक ड्रिल का आयोजन किया गया।
यह अभ्यास दरअसल जम्मू हवाई अड्डे पर आतंकी हमले की संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया, जिसमें यह परखा गया कि यदि आतंकवादी घातक हथियारों के साथ एयरपोर्ट परिसर में घुस जाते हैं तो सुरक्षा एजेंसियां किस प्रकार कार्रवाई कर जान-माल के नुकसान को न्यूनतम करते हुए आतंकियों को निष्क्रिय कर सकती हैं।
इस बहु-एजेंसी अभ्यास का नेतृत्व सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआइएसएफ) ने किया, जबकि जम्मू पुलिस, बम निरोधक दस्ते तथा डाग स्कवाड ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट पर संभावित घुसपैठ, बम की आशंका, यात्री सुरक्षा, एंटी-टेरर कार्डन बनाना, संदिग्धों की पहचान, घायलों का तुरंत उपचार और सुरक्षित निकासी जैसी प्रक्रियाओं का वास्तविक परिस्थितियों जैसा अभ्यास किया गया।
अभ्यास के तहत सुरक्षा बलों ने आतंकियों की लोकेशन ट्रैक करने, उन्हें अलग-थलग करने और नियंत्रित कार्रवाई के जरिए जवाब देने की रणनीतियों का प्रदर्शन किया। बम निरोधक दस्ते की टीम ने संदिग्ध वस्तुओं की जांच और निष्क्रिय करने का प्रदर्शन किया, जबकि डाग स्कवाड ने विस्फोटक पदार्थ का पता लगाने में अपनी दक्षता दिखाई। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोगों को भी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बनाए गए मार्ग के अनुसार सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसे अभ्यास समय-समय पर किए जाते हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी की पहचान होने पर उसे तुरंत दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि जम्मू एयरपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इस तरह की ड्रिल से एजेंसियों की समन्वय क्षमता और प्रतिक्रिया समय बेहतर होता है।

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