जम्मू शहर में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ा; नगर निगम ने जारी किए ये निर्देश, जानिए क्या हैं खास बातें
जम्मू शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण नगर निगम ने कई निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य शहर में प्रदूषण को कम करना और नागरिकों ...और पढ़ें

जम्मू शहर में दो एंटी-स्माग गन सड़कों पर सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू शहर में वायु प्रदूषण लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 226 तक पहुंच गई है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। ऐसे में जम्मू नगर निगम (जेएमसी) हरकत में आया है। शहर में धूल और प्रदूषक कणों को नियंत्रित करने के लिए निगम द्वारा अभियान शुरू किया गया है।
वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए निगम के सभी संबंधित विभागों को तुरंत प्रभाव से प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत प्रमुख सड़कों पर रात के समय मैकेनिकल स्वीपिंग कराई जा रही है, जबकि दिन में अधिक यातायात वाले इलाकों, बाजारों और निर्माण स्थलों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर एंटी-स्माग गन से लैस वाहन भी तैनात किए गए हैं। वहीं, नगर निगम जम्मू के आयुक्त डा. देवांश यादव ने नागरिकों से अपील कि है वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रशासन और जनता का संयुक्त प्रयास जरूरी है। उन्होंने लोगों से खुले में कचरा न जलाने, स्वच्छता अभियानों में भाग लेने, पौधारोपण करने और प्रदूषण संबंधी उल्लंघनों की सूचना नगर निगम को देने का आग्रह किया।
बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान में चार वाटर स्प्रिंकलर मल्टीफंक्शनल टैंक और दो एंटी-स्माग गन शहर की सड़कों पर सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
निर्माण गतिविधियों पर कड़ा शिकंजा
निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नगर निगम ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी निर्माण स्थलों को हरे कपड़े, जूट या प्लास्टिक शीट से घेरना अनिवार्य किया गया है। निर्माण सामग्री को साइट के भीतर ढककर रखने के आदेश दिए गए हैं।
सार्वजनिक सड़कों और फुटपाथों पर सामग्री डालने या जमा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों को पूरी तरह ढका होना चाहिए और लोडिंग-अनलोडिंग के दौरान पानी का छिड़काव जरूरी किया गया है। नगर निगम के फील्ड अधिकारियों को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 4,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है।
कचरा जलाने पर जीरो टालरेंस
नगर निगम ने ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था को भी सख्ती से लागू किया है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विंग को खुले में कचरा, सूखे पत्ते या प्लास्टिक जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। निगम ने स्पष्ट किया है कि कचरा जलाने से होने वाला धुआं वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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