जम्मू प्रशासन ने सरकारी भूमि पर कब्जा हटाया, पर नहीं हटे अतिक्रमणकारी, पुलिस के लिए चुनौती
जम्मू प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया, लेकिन अतिक्रमणकारी अभी भी डटे हुए हैं। इससे पुलिस के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती आ गई है। प्रशासन ने सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का संकल्प लिया है।

सरकारी भूमि पर फिर से तिरपाल और पराली से बनाया जा रहा अस्थायी ठिकाना।
संवाद सहयोगी, बिश्नाह। जम्मू प्रशासन व पुलिस द्वारा पिछले दो दिनों तक नशा हाट स्पॉट पर चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान में नशा तस्करों के कब्जे से 145 कनाल जमीन को कब्जा मुक्त करवाया था। जिसमें कुल 16 इसे मकान तोड़ दिए गए जो कस्टोडियन व सिंचाई विभाग की जमीन पर बने थे। या नशे की कमाई से बनाए गए थे।
इन 16 मकानों के गिराए जाने के बाद वे सभी लोग अभी भी वहां डटे हुए हैं। इन लोगों ने सर्दी से बचने के लिए अस्थायी मकान भी बनाना शुरू कर दिए हैं। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठने लगे हैं।
स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन पर आरोप लगाए कि अवैध कब्जा हटाए जाने के बाद यथा स्थिति को बरकरार रखने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए, जिस कारण उक्त लोग वहीं हैं। फिर से अस्थायी ढांचे बनाने जा रहे हैं जोकि चिंताजनक है। क्योंकि बिश्नाह का सिकंदरपुर कोठे व चक् बाजीरू गांव नशा हॉटस्पॉट है। इनकी वजह से ही युवा पीढ़ी बर्बा हो रही है।
खाली कराई गई भूमि को कब्जे में ले प्रशासन
आपको बता दें कि प्रशासन व पुलिस ने गत शुक्रवार को गांव सिकंदरपुर कोठे में अतिक्रमण अभियान चलाते हुए 130 कनाल कस्टोडियन व सिंचाई विभाग की जमीन कब्जा मुक्त करवाने के लिए 15 मकान तोड़े थे। इसके अगले दिन ही शनिवार को गांव चक बाजीरू में लहू गुज्जर व युका गुज्जर की कोठी गिराने के साथ वहां से भी 16 कनाल जमीन कब्जा मुक्त कारवाई थी जिसका स्थानीय लोगों ने स्वागत किया था।
स्थानीय व्यक्ति सोमनाथ ने कहा कि पुलिस ने करवाई बड़ी देर से की है लेकिन देर से ही सही प्रशासन के आदेश पर जो नशा तस्करों की कमर तोड़ी गई है इससे अब नशे के कारोबार में कुछ असर पड़ेगा और लोकल लोगों की जिंदगी जो है वह बच जाएगी। ऐसे में इसी नशे की चपेट में आने से 20 बरस से लेकर 40 बरस तक के युवक अपनी जान से हाथ धो रहे हैं।
दोबारा नशा तस्करों को पांव न जमानें दें
अभी तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। अब पुलिस ने अभियान चलाकर उन लोगों को थोड़ी राहत दी है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे लोगों को दोबारा यहां वासने न दिया जाए। अगर ये यहां मकान बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो फिर इसी काम में जुड़ जाएंगे। प्रशासन को चाहिए कि वह खाली कराई गई भूमि की तारबंदी कर इन नशा तस्करों को वहां से हटाए।
वही गार चंद ने कहा कि हमने अकसर यहां कई युवाओं को आते-जाते देखा है लेकिन यदि लोकल लोग उनको रोकते तो नशा खरीदने वाला व बेचने वाला दोनो लड़ाई को आ जाते। पुलिस भी इन पर हाथ डालने से डरती थी। इसलिए लोग इनसे डरते थे लेकिन इस कार्यवाही के बाद यह नशा तस्कर पुलिस से डरेंगे।

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