चीन सीमा पर दुर्गम इलाकों में महिला योद्धा संभालेंगी मोर्चा, ITBP स्थापित करेगी 10 ऑल-वुमेन बॉर्डर चौकियां
भारत-चीन सीमा पर ITBP 10 महिला बॉर्डर चौकियां स्थापित करेगी। यह कदम सीमा सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए है। महिला सैनिक दुर्गम क्षेत्रों में सीमा की निगरानी करेंगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। यह महिला सशक्तिकरण और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है।

महिला सैनिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस (I) दस ऐसी चौकियां स्थापित करेगी यहां सिर्फ महिला कर्मियों ही सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगी।
देश में चीन से लगती 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के अहम हिस्सों में स्थापित विशेष चौकियों में तैनात महिला कर्मी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने में सहयोग देंगी। इस समय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लुकंग व हिमाचल प्रदेश में दो महिला चौकियां स्थापित करने का काम जोरों पर है। जल्द फ्रंट पर आठ अन्य महिला बार्डर आउट पोस्ट भी स्थापित की जाएगी।
आइटीबीपी के महानिदेशक प्रवीण कुमार ने कहा कि दुर्गम व बर्फीली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महिलाओं की 10 अग्रिम चौकियां होंगी। उधमपुर में ITBP के 64वें स्थापना दिवस में हिस्सा लेने आए महानिदेशक ने बताया कि 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवन में हुए सैन्य टकराव के बाद शुरू किए गए फारवर्डाइजेशन प्लान के तहत अब तक 215 बार्डर आउट पोस्ट स्थापितकी जा चुके हैं। पहले आइटीबीपी के 180 बार्डर आउट पोस्ट थे।
अग्रिम मोर्चों पर निगरानी क्षमता भी बढ़ाई
महानिदेशक ने बताया कि हमने फारवर्डाइजेशन प्लान पर गंभीरता से काम किया है। सात नई बटालियनों व एक सेक्टर मुख्यालय की स्थापना ने इस योजना को मजबूत करने के साथ-साथ अग्रिम मोर्चों पर निगरानी क्षमता भी बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि जल्द 41 नए फारवर्ड आउट पोस्ट स्थापित किए जाएंगे।
इनके स्थापित होने से भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा व समन्वय और मजबूत होगा। उन्होंने बताया कि आइटीबीपी में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के तहत लद्दाख के लुकुंग व हिमाचल के थांगी में दो आल विमेन बीओपी स्थापित कर रही है। आने वाले समय में ऐसी आठ और बोओपी होंगी यहां सिर्फ महिलाएं तैनात होंगी।
ITBP की 7 नई बटालियन और 9,400 कर्मियों की भर्ती मंजूर
महानिदेशक ने बताया कि आइटीबीपी ने प्रशिक्षण संस्थानों को पुनर्गठित किया है। जवानों के लिए पहाड़ी युद्ध, विपरीत हालात में बचने जैसी कलाओं पर आधारित पांच नए स्किल माड्यूल जोड़े गए हैं। आइटीबीपी देश में 9,000 फीट से लेकर 14,000 फीट से अधिक उंचाई तक फैली है। जवान ऐसे इलाकों में सुरक्षा संभाल रहे यहां पर मौसम बेहद प्रतिकूल व आक्सीजन का स्तर बहुत कम है।
आइटीबीपी का गठन देश में सीमा की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए वर्ष 1962 में किया गया था। यह बल गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है व इसमें एक लाख से अधिक जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।