Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir: आसान नहीं हैं जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त बनाना, मौत के आंकड़े जान हैरान रह जाएंगे आप

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 09:09 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य कठिन दिख रहा है। पिछले दो सालों में 23 हजार से ज्यादा टीबी के मामले सामने आए हैं और 800 से ज्यादा मौतें हुई हैं। हालांकि 50% पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं पर अभी और प्रयास बाकी हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा टीबी मुक्त जम्मू-कश्मीर अभियान की समीक्षा करेंगे। जम्मू संभाग में टीबी के मामले अधिक हैं।

    Hero Image
    स्वास्थ्य विभाग टीबी की जांच में जुटा है।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो, जागरण। जम्मू-कश्मीर को इस वर्ष के अंत तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य असंभव सा दिख रहा है। बीते दो वर्ष में जम्मू-कश्मीर में टीबी के 23 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं जबकि आठ सौ से अधिक मरीजों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। हालांकि पचास प्रतिशत पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं लेकिन अभी बहुत प्रसास करना शेष हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मंगलवार को टीबी मुक्त जम्मू-कश्मीर अभियान की समीक्षा करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में जम्मू-कश्मीर में टीबी के 11,754 मामले दर्ज हुए जबकि 2024 में 12 हजार के करीब मामले मिले। वर्ष 2023 में जम्मू-कश्मीर में टीबी के कारण 435 मरीजों की मौत हुई जबकि 2024 में 408 मरीजों की माैत हो चुकी है। टीबी हर आयु वर्ग के लोगों को हो रहा है।

    युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में मिले मामलों में 27 प्रतिशत मामले 15 से 30 वर्ष तक की उम्र के लोगों में थे जबकि 25 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में थे। इसके अलावा 31 से 45 वर्ष तक के आयु वर्ग में 22 प्रतिशत, 46 से 60 वर्ष तक के आयु वर्ग में 21 प्रतिशत औीर 14 वर्ष तक के आयु वर्ग में पांच प्रतिशत मामले थे।

    कश्मीर संभाग में अन्य जगहों की अपेक्षा टीबी के मामले कम है। वहां का मौसम हो या फिर जेनेटिक कारण हो, यहां पर मामले कम हैं। लेकिन जम्मू संभाग के सभी जिलों में टीबी के मामले आ रहे हैं। जम्मू संभाग में अभी एक भी जिला टीबी मुक्त नहीं हो पाया है। हालांकि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए हुए है। टीबी की जांच अधिक की जा रही है। इस अभियान को एक ओर जहां स्वास्थ्य एवंं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। वहीं उपराज्यपाल भी इसकी लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मंगलवार को श्रीनगर में राजभवन से टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा करेंगे। इसमें स्वास्थ्य निदेशक जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त संबंधित सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे। सोमवार को स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. अब्दुल हमीद जरगर ने टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की।

    इसमें राज्य टीबी अधिकारी डा. ज्योति जाली, सभी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद थे। इसमें जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त बनाने में पेश आ रही चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। आपको जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर में टीबी के मामले जम्मू संभाग में अधिक दर्ज होते हैं। कश्मीर में 65 प्रतिशत पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। जम्मू में अभी स्थिति अधिक बेहतर नहीं है।