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    पाकिस्तान सीमा से सटे आरएसपुरा जम्मू में बाहरी लोगों मौजूदगी से असुरक्षा का माहौल, प्रशासन को अलर्ट रहने की जरूरत

    By Lalit Kumar Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 12:02 PM (IST)

    जम्मू के आरएसपुरा में बाहरी लोगों की बढ़ती मौजूदगी से स्थानीय लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। निवासियों का मानना है कि इससे खतरे बढ़ सकते हैं और उन्होंने प्रशासन से सतर्क रहने का आग्रह किया है। उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और पहचान जांच करने की मांग की है ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके। 

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    आरएसपुरा जम्मू के स्थानीय लोग प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। फाइल फोटो।

    संवाद सहयोगी, आरएसपूरा (जम्मू)। सीमा से सटे आरएसपुरा क्षेत्र में बाहरी लोगों की बढ़ती मौजूदगी को लेकर सिविल सोसायटी ने गहरी चिंता जताई है और प्रशासन से तत्काल सघन जांच की मांग की है। सोसायटी ने कहा कि हाल के महीनों में क्षेत्र में कुछ अज्ञात व्यक्तियों की आवाजाही बढ़ी है, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध नजर आती हैं।

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    बताया गया कि ये लोग स्थानीय मकानों में किराये पर रह रहे हैं और संभवतः अपनी असली पहचान छिपा रहे हैं। सिविल सोसायटी के सदस्य विक्रम शर्मा ने कहा है कि आरएसपुरा एक संवेदनशील सीमावर्ती तहसील है, जहां पाकिस्तान सीमा से लगी होने के कारण विभिन्न तरह की सीमापार गतिविधियां होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि हालात इतने चिंताजनक हैं कि पिछले कुछ समय बड़ी संख्या में अनजान चेहरे आरएसपुरा में देखे गए, जिससे स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना गहराई है।

    सुरक्षा एजेंसियों से सख्त निगरानी करने की अपील

    सोसायटी ने इसे राष्ट्रविरोधी तत्वों की साजिश बताते हुए सुरक्षा एजेंसियों से सख्त निगरानी और तत्काल कदम उठाने की मांग की। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि क्षेत्र में सभी किरायेदारों, दुकानदारों और कामगारों की सघन जांच की जाए। सोसाइटी का कहना है कि मकान मालिकों को अपने किरायेदारों की पूरी जानकारी पुलिस थाने में जमा करानी चाहिए और किरायेदारों के पास उनके मूल पते का प्रमाण व चरित्र प्रमाणपत्र होना अनिवार्य किया जाए। साथ ही दुकानदारों की वैधता की जांच भी जरूरी है।

    उनके पास भूमि रिकार्ड, किराया अनुबंध, खाद्य लाइसेंस, जीएसटी नंबर और बैंक खाता जैसी जानकारी उपलब्ध हो, ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। सिविल सोसायटी ने यह भी सुझाव दिया कि दुकानों के बाहर उनके मालिकों के नाम और व्यवसाय का विवरण स्पष्ट रूप से लिखा जाए। बाहरी राज्यों से आए कामगारों व उनके परिवारों की पुलिस जांच के साथ-साथ उनके मोबाइल सिम कार्डों की भी सत्यता की जांच कराई जाए, ताकि कोई फर्जी पहचान का उपयोग न कर सके।

    बिना लाइसेंस के रेहड़ी-फड़ी लगाने पर लगे प्रतिबंध

    सोसायटी ने नगरपालिका क्षेत्र में बिना लाइसेंस के रेहड़ी-फड़ी लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर, विशेषकर मीरां साहिब रिंग रोड चौक और मुख्य बाजारों में हो रहे अतिक्रमण पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा जिन नगरपालिका दुकानों को बिना अनुमति बाहरी व्यक्तियों को सब-लीज पर दिया गया है, उनकी लीज रद्द की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

    उन्होंने कहा कि रविवार बाजार या अन्य अस्थायी बाज़ारों में बिना प्रशासनिक सत्यापन वाले वेंडरों को व्यवसाय की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सिविल सोसायटी ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जो भी व्यक्ति या व्यापारी सत्यापन नियमों का पालन नहीं करता, उसके खिलाफ दुकान सील करने और कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी गतिविधियों पर रोक लग सके। सोसायटी ने कहा कि यह मुद्दा पिछले तीन वर्षों से उठाया जा रहा है, लेकिन अब स्थिति और अधिक गंभीर हो चुकी है।