Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir: बर्फीले इलाकों में लोगों की खैरियत पूछ रही सेना, मुश्किलों को दूर करने के लिए छेड़ा खैरियत पेट्रोल अभियान

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Dec 2020 12:59 PM (IST)

    खेरियत अभियान चलाकर रफियाबाद में लोगों के घरों तक जाकर सेना ने मेडिकल सुविधाएं दी। आवाम सेना में बेहतर रिश्ते बनाने की इस मुहिम के दौरान जवानों ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक किया और उनकी मुश्किलों के बारे में जानकारी ली।

    Hero Image
    ऐसे अभियानों का आयोजन कर अपने अपने इलाकों में लोगों की खेर खबर ली।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लोहा ले रही सेना सर्दियों के महीनों में बर्फबारी से प्रभावित प्रदेश के इलाकों में लोगों की खैरियत पूछने में भी आगे है। भारतीय सेना ने इस समय प्रदेश के दूर दराज़ इलाकों में लोगों की मुश्किलों को दूर करने के लिए खैरियत पेट्रोल अभियान छेड़ रखा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश के कई दूरदराज इलाके सर्दियों में बर्फबारी से जिला मुख्यालयों से कट जाते हैं। इस अभियान के माध्यम से प्रेरणा क्षेत्र के लोगों व उनके मवेशियों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित कर रही है। सेना की स्थानीय बटालियन सुरक्षा व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी संभालने के साथ गांवों तक पहुंचकर लोगों की मदद भी कर रही हैं।

    सेना ने कश्मीर के बारामूला जिले में खेरियत अभियान चलाकर रफियाबाद में लोगों के घरों तक जाकर उन्हें मेडिकल सुविधाएं दी। आवाम, सेना में बेहतर रिश्ते बनाने की इस मुहिम के दौरान सेना के जवानों ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक करने के उन्हें पेश आ रही मुश्किलों के बारे में भी जानकारी ली। सेना दिसंबर महीने से लगातार ऐसे अभियानों का आयोजन कर अपने अपने इलाकों में लोगों की खेर खबर ली।

    इस समय प्रदेश में कड़ी ठंड से लोगों को बचाने के साथ सड़क हादसों के घायलों की भी मदद की जा रही है। गत दिनों सेना ने रामबन के नचलाना में ट्रक खाई में गिरने के बाद 4 घायलों को बचाया था। इससे पहले सोनामर्ग के निकट हिमस्खलन की चपेट में आ गए वाहनों में सवार लोगों को भी सेना ने मुहिम चलाकर बचाया था।

    जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने जागरण को बताया कि सेना की स्थानीय बटालियनें सर्दियोंं के महीनों में लोगों को पेश आने वाली मुश्किलें दूर करने के लिए तैयार रहती हैं। उन्होेने बताया कि जैसे ही जवानों को जैसे ही सड़क हादसों, हिमस्खलन आदि के बारे में पता चलता है तो सेना हरकत में आ जाती है। सेना के जवानों के साथ मेडिकल टीमें भी मौके पर पहुंचकर सुनिश्चित कर रही हैं कि लोगों को जानमाल का नुकसान न हो।