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    Jammu Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में छुट्टी से ज्यादा राज्य का दर्जा बहाल करने पर हुई बात, बोले-तभी प्रदेश से न्याय होना संभव

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 06:40 PM (IST)

    जम्मू में शेर-ए-कश्मीर भवन में बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला की पुण्यतिथि पर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठा। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही। सुरिंदर चौधरी ने बेगम अकबर जहां को गरीबों और महिलाओं के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध बताया। उन्होंने भाजपा पर महिला सशक्तिकरण के झूठे दावे करने का आरोप लगाया।

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    उमर अब्दुल्ला के कार्यकाल में किए गए कार्यों को सराहा। फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जम्मू : शेर-ए-कश्मीर भवन, जम्मू में मादर-ए-मेहरबान बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला की 25वीं पुण्यतिथि पर सबको उम्मीद थी कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद 13 जुलाई और 5 दिसंबर की सरकारी छुट्टी बहाल करने का मुद्दा उठेगा। यह मुद्दा तो दबी आवाज में ही उठा लेकिन जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का मु्द्दा जोर-शोर से उठा।

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    उपमुख्यमंत्री सुरिंद्र चौधरी से लेकर नेशनल कांफ्रेंस के हर नेता का यही कहना था कि राज्य का दर्जा बहाल होने से ही जम्मू-कश्मीर से न्याय होना संभव है। उसके बाद ही उनका दल तरीके से काम कर सकेगा। छुट्टी के मामले में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के नाम पर छुट्टी होना कोई गलत नहीं है।

    जेकेएनसी महिला विंग की राज्य उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक बिमला लूथरा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं, महिला कार्यकर्ताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और मादर-ए-मेहरबान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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    कार्यक्रम की शुरुआत सुबह कुरान ख्वानी से हुई। जिसके बाद पुष्पांजलि अर्पित की गई और उनकी चिरस्थायी स्मृति के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।

    इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने बेगम अकबर जहां को जम्मू-कश्मीर के गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और खासकर महिलाओं के उत्थान के लिए करुणा, शक्ति और प्रतिबद्धता की एक महान प्रतिमूर्ति बताया। उन्होंने कहा कि मादर-ए-मेहरबान सिर्फ़ बाबा-ए-क़ौम शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की पत्नी ही नहीं थीं, बल्कि वह अपने आप में एक नेता थीं।

    दलितों के प्रति उनकी गहरी चिंता, महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान के लिए उनका अथक प्रयास और लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के प्रति उनका अटूट समर्पण बेजोड़ है। सुरिंदर चौधरी ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण के बारे में भाजपा के खोखले दावों को भी उजागर किया और कहा कि भगवा पार्टी सिर्फ नारों और दिखावे में ही लिप्त है।

    उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर में भाजपा के 11 साल से ज्यादा के शासन में महिलाओं के उत्थान के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए। इसके विपरीत, उमर अब्दुल्ला के सिर्फ़ आठ महीनों के मुख्यमंत्रित्व काल में, नेकां ने अपने चुनावी घोषणापत्र के कई वादे पूरे किए, जैसे सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, विवाह सहायता राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करना।

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    उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देना, परिवारों के लिए राशन दोगुना करना और भी बहुत कुछ। नेकां के विजन पर प्रकाश डालते हुए, उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा हाल ही में घोषित मिशन युवा, युवाओं विशेषकर जम्मू-कश्मीर की बेटियों के कौशल विकास, उद्यमिता और सशक्तिकरण के नए रास्ते खोलेगा। उन्होंने कहा कि केवल नेशनल कांफ्रेंस ही लोगों की आकांक्षाओं को साकार कर सकती है।

    इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नेकां के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय सधोत्रा, जो पार्टी के अतिरिक्त महासचिव हैं, ने मादर-ए-मेहरबान को लचीलेपन, विनम्रता और सामाजिक सुधार के प्रतीक के रूप में याद किया। जम्मू और कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके द्वारा की गई हर पहल में दिखाई देती थी।चाहे वह स्वास्थ्य सेवा, महिला साक्षरता या जरूरतमंदों के पुनर्वास का क्षेत्र हो।

    जेकेएनसी के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बेगम अकबर जहां को पार्टी की अंतरात्मा की रक्षक बताया।उन्होंने कहा कि जब शेख साहब और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और तत्कालीन राज्य राजनीतिक उथल-पुथल में था। तब उन्होंने गरिमा और साहस के साथ पार्टी की बागडोर संभाली। उन्होंने पार्टी को एकजुट रखने और उसके मिशन पर ध्यान केंद्रित करने में केंद्रीय भूमिका निभाई।

    प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि मादर-ए-मेहरबान को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि यही होगी कि महिलाओं के उत्थान के उनके मिशन को जारी रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि जीवन के सभी क्षेत्रों में उनकी गरिमा बनी रहे। उन्होंने आगे कहा कि हमें उन ताकतों को हराने के लिए एकजुट होना होगा जो महिलाओं की आवाज को अनसुना कर रही हैं।