Jammu Kashmir : लाडली बेटी योजना जम्मू-कश्मीर में हुई डिजिटल, अब डिजिटल मोड पर होगा आवेदन
Ladli Beti Yogna In Jammu Kashmir लाभार्थियों को 14 वर्ष की आयु तक बेटी के बैंक खाते में डीबीटी मोड के माध्यम से प्रति माह 1000 रुपये जमा किए जाते हैं और 21 वर्ष की आयु प्राप्त होने के बाद बेटी को लगभग 6.50 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लाडली बेटी योजना में पारदर्शिता बनाए रखने और अधिकतम लाभार्थियों तक पहुंच बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस सामाजिक सहायता योजना को डिजिटल कर दिया है। मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने एनआइसी द्वारा डिजाइन और विकसित लाडली बेटी योजना के लिए डिजीटल ई-सेवा शुरू की है।
यह बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आवेदन जमा करने और ट्रैक करने के लिए एक ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो प्लेटफार्म है। इस सेवा के माध्यम से आवेदक अपने आवेदन की जांच करने, आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकता है। उसका आवेदन किसके पास पहुंचा, उसे पूरी जानकारी मिलती है। साथ ही स्वीकृत आवेदनों और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित पत्रों को आनलाइन बैंक को भेज दिया जाएगा।
21 वर्ष की आयु में बेटी को मिलने लगेगा लाभ : एक अप्रैल 2015 को या उसके बाद पैदा हुई सभी बेटियों और जिनके अभिभावक की आय 75000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है, उन्हें लाभ दिया जा रहा है। लाभार्थियों को 14 वर्ष की आयु तक बेटी के बैंक खाते में डीबीटी मोड के माध्यम से प्रति माह 1000 रुपये जमा किए जाते हैं और 21 वर्ष की आयु प्राप्त होने के बाद बेटी को लगभग 6.50 लाख रुपये की राशि मिलेगी। बाल विकास संरक्षण अधिकारियों को विधिवत रिकार्ड की जांच करने के बाद, अगर आवेदन में कोई कमी हो तो इसे वापस करने या 15 दिनों के भीतर आवेदन को अनुमोदन के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजने के लिए कहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी जांचेंगे रिकार्ड : जिला कार्यक्रम अधिकारी पूरा रिकार्ड देखने के बाद अगर उसे कमी दिखती है तो इसे अस्वीकार कर सकते हें या फिर स्वीकृति के लिए 10 दिनों के भीतर आवेदन जिला उपायुक्त को भेज सकते हैं। जिला उपायुक्त भी आवेदन को अस्वीकार या मंजूर कर सकते हैं। वह 20 दिन के भीतर इसे समाज कल्याण विभाग के वित्त निदेशक के पास भेजेंगे।
75 करोड़ लाभार्थियों के खातों में जमा करवाए : उपराज्यपल मनोज सिन्हा ने कहा कि 2018 तक इस योजना के तहत सिर्फ 26,050 बेटियों को ही लाडली बेटा योजना का लाभ मिल रहा था, लेकिन गत तीन वर्ष में एक लाख से अधिक बेटियों को लाभ दिया जा रहा। सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 150 करोड़ मंजूर किए हैं। अभी तक 75 करोड़ लाभार्थियों के खातों में जमा करवा दिए गए हैं।