जम्मू कश्मीर में दो वर्ष में 348 वर्ग किमी बढ़ा वन क्षेत्र, लद्दाख में बढ़ा 73 वर्ग किलोमीटर
जम्मू कश्मीर 348 वर्ग किलोमीटर के साथ चौथे स्थान पर है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में वन क्षेत्र के बाहर भी 29066 वर्ग किलोमीटर क ...और पढ़ें

जम्मू, जागरण संवाददाता : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पिछले दो वर्ष में 348 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। लद्दाख में 23 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। इस तरह यदि लद्दाख और जम्मू कश्मीर को मिला दिया जाए तो दोनों राज्यों में कुल 371 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र की बढ़ोतरी हुई है। वन क्षेत्र में बढ़ोतरी के मामले में जम्मू कश्मीर देश के पांच राज्यों में शामिल है।
इंडियन स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट के सर्वे के मुताबिक कर्नाटक वन क्षेत्र बढ़ोतरी के मामले में पहले स्थान पर है, जिसका वन क्षेत्र 1,025 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है, जबकि आंध्र प्रदेश 990 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र के साथ दूसरे और केरल 823 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ोतरी के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके बाद जम्मू कश्मीर 348 वर्ग किलोमीटर के साथ चौथे स्थान पर है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में वन क्षेत्र के बाहर भी 29,066 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पेड़ लगे हैं, जो कुल भूक्षेत्र का 55 प्रतिशत बनता है। यानी वनों के अलावा भी जम्मू कश्मीर में 55 प्रतिशत क्षेत्र में पेड़ लगे हैं।
जम्मू कश्मीर में 15,912 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन क्षेत्र है, जो 15.59 प्रतिशत होता है। इस क्षेत्र में पांच राष्ट्रीय उद्यान, 14 वन्यजीव अभयारण्य और 35 संरक्षित वैटलैंड शामिल हैं। इनके अलावा जम्मू कश्मीर में 42 किस्म का वन क्षेत्र है, इसे संरक्षित रखने के लिए विभाग ने इसके रखरखाव में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही कारण है कि आज जम्मू कश्मीर देश की पांच राज्यों में अपना स्थान बना चुका है, जहां पर सर्वाधिक वन क्षेत्र शामिल है।
42 तरह के जंगल हैं प्रदेश में : जम्मू कश्मीर में 42 किस्म का वन क्षेत्र है, इसे संरक्षित रखने के लिए विभाग ने इसके रखरखाव में कोई कसर नही छोड़ी। यही कारण है कि आज जम्मू कश्मीर देश की पांच राज्यों में अपना स्थान बना चुका है, जहां पर सर्वाधिक वन क्षेत्र है। इतना ही नहीं, जम्मू कश्मीर के जंगलों में कई तरह के औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।
- हर गांव हरियाली अभियान से जम्मू कश्मीर हरा भरा हो रहा है। पिछले वित्त वर्ष में 22 लाख पौधे प्रदेश के बीस जिलों में लगाए गए थे, जबकि इस बार भी अब तक तीन लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को पौधारोपण व वनों के संरक्षण के साथ जोडऩा है। इस अभियान में किसान, गैर सरकारी संस्थाएं, सरकारी कर्मचारी, बच्चे सभी शामिल होकर सहयोग दे रहे हैं। -संजीव वर्मा, आयुक्त सचिव, वन विभाग

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