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Jammu Kashmir : आओ स्कूल चले अभियान के बेहतर नतीजे, डेढ़ लाख बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिल

स्कूल से बाहर के बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए डिजिटल सर्वेक्षण के लिए तलाश एप लांच किया गया है। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को नजदीकी शैक्षणिक संस्थानों के साथ जोड़ जाएगा ताकि उन्हें उचित शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी के अवसर भी मिल सकें।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 10:23 AM (IST)
Jammu Kashmir : आओ स्कूल चले अभियान के बेहतर नतीजे, डेढ़ लाख बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिल
कार्यशाला में सीबीएसई और एनसीईआरटी सहित क्षेत्र के 30 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में सरकार के आओ स्कूल चले अभियान के बेहतर नतीजे सामने आने लगे हैं। इस अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में डेढ़ लाख बच्चों का दाखिला हुआ है। सरकार समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। विशेष बच्चों के खातों में सीधे 165.09 लाख रुपये डाले गए हैं।

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इन भत्तों का वितरण विभिन्न भत्तों जैसे अनुरक्षण भत्ता और लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति के रूप में किया गया है। शिक्षा अधिकार कानून वर्ष 2012 में लागू किया था। इसमें विशेष बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करना था। दिव्यांगता कानून 1995 और नेशनल ट्रस्ट कानून के तहत दिव्यांग बच्चों को निशुल्क शिक्षा हासिल करने का हक है।

इसके अलावा, सीबीएसई की तर्ज पर चिल्ड्रन विद स्पेशल नीडस में बोर्ड आवास का विस्तार करने के लिए मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर स्कूली शिक्षा बोर्ड के सहयोग से तीन दिवसीय कार्यशाला हुआ था। कार्यशाला में सीबीएसई और एनसीईआरटी सहित क्षेत्र के 30 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। स्कूल से बाहर के बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए डिजिटल सर्वेक्षण के लिए तलाश एप लांच किया गया है। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को नजदीकी शैक्षणिक संस्थानों के साथ जोड़ जाएगा, ताकि उन्हें उचित शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी के अवसर भी मिल सकें।

शिक्षा विभाग जल्द शुरू करेगा स्टूडेंट्स मेंटरशिप : स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही स्टूडेंट्स मेंटरशिप, स्टूडेंट टीचर एंगेजमेंट फॉर एजुकेशनल रीइन्फोर्समेंट प्रोग्राम शुरू करेगा। इस पहल के तहत, शिक्षक पहले चरण में प्राथमिक विद्यालय के प्रत्येक दस छात्रों के लिए परामर्शकर्ता की भूमिका निभाएंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नए शैक्षिक सुधार करने के महत्व को उजागर किया, ताकि कोई भी शिक्षा के इस मौलिक अधिकार से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए शिक्षा जैसे बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा क्षेत्र में सुधारात्मक नवाचार लाने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

शिक्षा में लैंगिग अंतर को दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत : सरकार जम्मू-कश्मीर की साक्षरता दर को सुव्यवस्थित करने के लिए सभी स्तरों पर समानता और समावेश सुनिश्चित करने के अलावा स्कूली शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को दूर के लिए व्यापक उपाय कर रही है। दीक्षा पोर्टल का उपयोग करके आनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित 80,600 प्राथमिक शिक्षकों के साथ स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के निष्ठा कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय पहल के तहत जम्मू-कश्मीर देश में शीर्ष पर है। 


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