Jammu Kashmir : अक्टूबर 2020 से लेकर जून 2022 तक शिकायतों के निपटारे करने की प्रक्रिया में 45 प्रतिशत की वृद्धि
Grievance Cell Jammu Kashmir एलजी मुलाकात को भी इसके साथ जोड़े जाने पर जोर दिया ताकि जम्मू कश्मीर में सुशासन के सिस्टम में बेहतरी लाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह प्रभावी और जिम्मेदार तरीके से शिकायतों का निवारण करें।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अक्टूबर 2020 से लेकर जून 2022 तक शिकायतों के निपटारे करने की प्रक्रिया में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जम्मू कश्मीर एकीकृत शिकायत निवारण और निगरानी सिस्टम पर शिकायतों का निपटारा करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसमें 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इसकी जानकारी मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निपटारा करने की प्रक्रिया का प्रतिशत बढ़ा है और लोगों में अपनी शिकायतों का समाधान करने की उम्मीद भी बढ़ी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह जम्मू कश्मीर एकीकृत शिकायत निवारण और निगरानी सिस्टम को पूरी तरह से केंद्रीय जन शिकायत निवारण और निगरानी सिस्टम के साथ अगले 15 दिनों में जोड़ें।
यह सिस्टम पूरी तरह से केंद्रीय सिस्टम के साथ जुड़ जाना चाहिए। उन्होंने एलजी मुलाकात को भी इसके साथ जोड़े जाने पर जोर दिया ताकि जम्मू कश्मीर में सुशासन के सिस्टम में बेहतरी लाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह प्रभावी और जिम्मेदार तरीके से शिकायतों का निवारण करें। सरकार कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही ला रही है उसके लिए कई सुधार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह कोशिश की जा रही है कि हर सूचना लोगों तक पहुंचे ताकि उन्हें सरकार के कामकाज की सही तस्वीर मिल सके। मेहता ने कहा कि शिकायत निवारण प्रक्रिया को आसान बनाया जाए ताकि लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए भी शिकायतें दे सकें। शिकायतों का निवारण कम से कम समय में किया जाना चाहिए।
शिकायतों का निवारण प्रशासनिक और विभागों के अध्यक्ष स्तर पर होना चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई कि 234009 शिकायतें पंजीकृत की गई थी जिसमें से 225322 का निपटारा किया गया है जो 96 प्रतिशत है।
यह भी बताया गया कि जनवरी माह में 7863 ,फरवरी में 7447, मार्च में 7797, अप्रैल में 8045, मई में 8081, जून में 8392, जुलाई में 5190 शिकायतें प्राप्त की गई। शिकायतों के सही निपटारे के लिए 224 जिला स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। निगरानी पोर्टल 24 घंटे काम करता है जिसमें नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।
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