जम्मू के औद्योगिक क्षेत्र में दिनदहाड़े अवैध खनन और शराब का कारोबार, लोगों ने दी शिकायत
जम्मू के औद्योगिक क्षेत्र घाटी में अवैध खनन और देसी शराब का कारोबार फलफूल रहा है। पुलिस चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर उज्ज दरिया से दिनदहाड़े रेत नि ...और पढ़ें

जम्मू के औद्योगिक क्षेत्र में दिनदहाड़े अवैध खनन और शराब का कारोबार (File Photo)
जागरण संवाददाता, कठुआ। जिले का औद्योगिक क्षेत्र घाटी अवैध खनन और देसी शराब निकालने का अड्डा बन गया है। पुलिस चौकी से मात्र 500 मीटर की दूरी पर उज्ज दरिया से जहां दिन दहाड़े रेत निकाली जा रही है तो दूसरी तरफ शराब निकालने के ड्रम साफ नजर आते हैं। यहीं नहीं, शराब निकालने के लिए ऐसी दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिस पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह मानव इस्तेमाल के लिए नहीं है।
जानकारी के अनुसार उज्ज दरिया के बीच से क्षेत्र के कई ट्रैक्टर दिन की रोशनी में ही रेत, बजरी और पत्थर जैसा सामान निकाल रहे हैं।
बिना किसा खौफ रेत निकालने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पूछे पर जाने जवाब दिया कि वे पुलिस को हर महीने पैसे देते हैं। घाटी क्षेत्र में उज्ज दरिया से अवैध खनन होना उज्ज दरिया के लिए भी खतरा है। जिसका असर आस पास की उपजाऊ जमीन भी पर भी पड़ सकता है। क्योंकि खनन की वजह से बाढ़ के वक्त खेतों को बहा ले जाता है।
जगह जगह बिखरे पड़े हैं शराब के पाउच
उज्ज दरिया के पास ही जहां अवैध खनन हो रहा है। वहीं पर शराब निकालने का पूरा ढांचा तैयार किया गया है। बड़े बड़े ड्रम और इनके नीचे जल रही आग। आसपास शराब के पाउच बिखरे पड़े हैं। शराब तैयार करने में ऐसी इवाइयों का इस्तेमाल हो रहा है जो मानव इस्तेमाल के लिए है ही नहीं।
सूत्रों की मानें तो औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते देसी शराब को मजदूरों के बीच दिनदहाड़े जमकर सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि 500 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी है। जिसकी नाक तले शराब निकाली जा रही है और पुलिस की कोई कार्रवाई तक नहीं।
अवैध खनन का सबसे बड़ा स्रोत उज्ज
बता दें कि उज्ज दरिया रेत, बजरी और पत्थर जैसे स्रोतों से भरा पड़ा है। जहां अवैध खनन सबसे अधिक हो रहा है। खनन माफियाओं की पुलिस से मिलीभगत के चलते दिन दहाड़े खनन किया जा रहा है। कठुआ के डीएमओ वरिंद्र सिंह का कहना है कि खनन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। यदि ऐसा हो रहा है तो निगरानी के लिए पुलिस से बात की जाएगी। विभाग के पास मैन पावर की कमी रहती है। पूरे जिले में मात्र 8 लोग काम कर रहे हैं।

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