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Amarnath Yatra 2022 : बिना पंजीकरण अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो सावधान, फंसेंगे मुसीबत में

दुनियाभर से पहुंच रहे बिना पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की तरफ जाने की अनुमति नहीं मिल रही। किसी को जम्मू के आगे नगरोटा में रोका गया है तो कोई रामबन में डेरा डाले हुए है। कोई पहलगाम में फंसा है तो कई गांदरबल में चक्कर लगा रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:51 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 08:51 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022 : बिना पंजीकरण अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो सावधान, फंसेंगे मुसीबत में
कश्मीर में घूमने आए कई पर्यटक भी बिना पंजीकरण कराए बाबा बर्फानी की तीर्थयात्रा में शामिल हाेना चाहते हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : श्री अमरेश्वर धाम यानी अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सूचना है। बिना पंजीकरण यात्रा न करें, अन्यथा परेशानी में फंस सकते हैं। आपको जम्मू से आगे बढ़ते ही कही भी रोक लिया जाएगा। बिना पंजीकरण कराए किसी को भी घाटी के लिए रवाना नहीं होने दिया जाएगा। दुनिया भर से पहुंच रहे बिना पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की तरफ जाने की अनुमति नहीं मिल रही है। किसी को जम्मू के आगे नगरोटा में रोका गया है तो कोई रामबन में डेरा डाले हुए है। कोई पहलगाम में फंसा है तो कई गांदरबल में चक्कर लगा रहा है।

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बिना पंजीकरण कराए यात्रियों की जांच-पड़ताल में यात्रा प्रबंधन भी प्रभावित हो रहा है और इन लोगों के लिए खतरा भी बढ़ रहा है, क्योंकि कश्मीर में सुधरते हालात से हताश आतंकी संगठनों ने तीर्थयात्रा और इसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की धमकी दी है। वादी में सुरक्षाबलों ने बीते तीन दिनों में यात्रा पर हमले की फिराक में बैठे लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराने के अलावा लगभग 10 आतंकियों को हथियारों के साथ पकड़ा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को प्रशासन के गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।

कश्मीर आए पर्यटक भी तीर्थयात्रा में शामिल होना चाहते : श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में घूमने आए कई पर्यटक भी बाबा बर्फानी की तीर्थयात्रा में शामिल हाेना चाहते हैं। इनके अलावा कई अन्य श्रद्धालु सड़क और हवाई जहाज के रास्ते कश्मीर पहुंच रहे हैं और यह लोग बिना पंजीकरण आ रहे हैं। किसी को भी बिना पंजीकरण पवित्र गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं है। पंजीकरण श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी है। इसलिए अब तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है।

श्रीनगर में टीआरसी के अलावा पहलगाम और सोनमर्ग में भी तत्काल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा जम्मू में पुरानी मंडी, गीता भवन, वैष्णवी धाम रेलवे स्टेशन, महाजन हाल में इसकी सुविधा है। तत्काल पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं के पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होना जरुरी है। इसके अलावा उनके पास अपना आधार कार्ड भी होना चाहिए। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र वह जम्मू, पहलगाम, सोनमर्ग, श्रीनगर के अस्पतालों में प्राधिकृत स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त कर सकते हैं। तत्काल पंजीकरण में पवित्र गुफा के लिए यात्रा करने की तिथि का स्पष्ट उल्लेख होगा और उसके मुताबिक ही श्रद्धालु यात्रा शहीविर से यात्रा शुरु कर पाएंगे।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पंजीकृत श्रद्धालु को अगर यात्रा मार्ग में किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होती है तो उसके लिए बोर्ड पूरी तरह जिम्मेदार रहेगा। उसके लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। अगर कोई गैर पंजीकृत श्रद्धालु किसी कारण रास्ते में दम तोड़ देता है तो उसके परिजनों को मुआवजा भी नहीं मिलेगा और संबंधित यात्राधिकारियों के लिए भी मुश्किल पैदा होगी। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिश्वर कुमार के मुताबिक श्रद्धालुओं के लिए तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है, उन्हें इसका लाभ लेना चाहिए।

दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद रामबन से आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा : प्रशासन ने विभिन्न श्रद्धालुओं और पर्यटकों द्वारा सुरक्षा प्रोटोकाल के उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए तय किया है कि जम्मू से श्रीनगर के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहनों को दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद रामबन से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। तीर्थयात्री हो या पर्यटक, सभी को तय समय के भीतर ही हाइवे पर यात्रा करने की अनुमति होगी। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के बाद अगर श्रद्धालु रामबन से आगे बनिहाल में होंगे तो उन्हीं वहीं निकटवर्ती यात्रा शिवर में ठहरना पड़ेगा और जो रामबन में होंगे उन्हें रामबन या फिर चंद्रकोट में ठहरना पड़ेगा।

सिर्फ ट्रक और स्थानीय यात्रियों के वाहन ही दोपहर बाद रामबन से आगे जा सकेंगे। इसी तरह घाटी में भी बाल्टाल, सोनमर्ग, पहलगाम की तरफ से भी श्रद्धालुओं व पर्यटकों के वाहनों केा श्रीनगर या जम्मू के लिए शाम को नहीं छोड़ा जाएगा। श्रद्धालुओं के वाहनों को निर्धारित समय के भीतर ही सुरक्षादस्ते के निगरानी में अपनी मंजिल की तरफ जाने दिया जाएगा।


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