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Amit Shah In Rajouri : गृहमंत्री राजौरी में बोले- आज की रैली अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों को करारा जवाब

मोदी सरकार ने पहाड़ी गुज्जर-बक्करवाल समुदाय को उनका हक दिलाने के लिए काम किया है। आज इस समुदाय को हरेक क्षेत्र में उनका हक मिल रहा है। पंचायत के चुनाव हों या फिर डीडीसी चुनाव इन समुदाय के लोग भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनाया है।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Tue, 04 Oct 2022 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 01:54 PM (IST)
Amit Shah In Rajouri : गृहमंत्री राजौरी में बोले- आज की रैली अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों को करारा जवाब
यह रैली उन विरोधियों काे करार जवाब है, जो धारा 370 का समर्थन करते हैं।

राजौरी, जेएनएन : जम्मू और कश्मीर के तीन दिवसीय दाैरे पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह का दूसरे दिन राजौरी पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ। भारत माता की जय के नारे के साथ यहां विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों को आड़े हाथ लिया। शाह ने कहा कि आज की रैली अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों को करारा जवाब है। इस मौके पर गृहमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्र के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि जब जब भी भारत पर कोई खतरा आया, मेरे पहाड़ी भाई व गुज्जर, बकरवाल चट्टान की तरह खड़े रहे। राजौरी-पुंछ के इन लोगों की वीरता को भारतीय सेना और पूरा देश सलाम करता है।

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शाह ने कहा कि आपने भारत की सुरक्षा का अभेद्य का द्वार बनाया और उससे पूरा देश सुरक्षित सोता है।उन्होंने इस मौके पर महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी के लिए उपराज्यपाल को बधाई दी और वीर बंदा बहादुर को भी याद किया। शाह ने इस मौके पर कहा कि जम्मू कश्मीर में तीन परिवारों ने राज किया और गुज्जर बकरवालों को अधिकार नहीं दिए। उन्होंने लोकतंत्र के नाम पर अपने परिवारों का ध्यान रखा। न पंचायतों में किसी को प्रतिनिधित्व मिला।

अगर प्रदेश से 370 न जाती तो अनुसूचित जनजाति को आरक्षण न मिलता : प्रधानमंत्री माेदी ने सबसे पहले जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव करवाए और जो पहले तीन परिवारों के पास था, वह अब तीस हजार जनप्रतिनिधियों को मिला। वहीं 370 का जिक्र करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर प्रदेश से 370 न जाती तो अनुसूचित जनजाति को आरक्षण न मिलता। अब गुज्जर बकरवालों के साथ पहाड़ियों को भी उनका अधिकार मिलने वाला है। वहीं जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालातों पर अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकी वारदातों में कमी आई है। कश्मीर में पत्थरबाजी भी बंद हो गई और सुरक्षाबलों के बलिदान की घटनाओं में भी काफी कमी आई है।

चुनाव के लिए परिसीमन आवश्यक : शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के लिए परिसीमन आवश्यक था। परिसीमन के कारण ही पहाड़ी क्षेत्रों की सीटों में बढ़ोतरी हुई। राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ के लिए सीटें बढ़ गई और प्रधानमंत्री माेदी ने पहाड़ी लोगों के से अन्याय को एक झटके में दूर कर दिया। वहीं अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पर्यटन को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा राेजगार पर्यटन से ही आता है। आज तक आजादी के 75 साल में कभी भी इतने पर्यटक यहां नहीं आए हैं। इस वर्ष अब तक 62 लाख पर्यटक जम्मू कश्मीर में आ चुके हैं। अब श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल रही हैं। विमानों की रात्रि सेवा भी वहां से शुरू हो चुकी है। वहीं आतंकी वारदातों को लेकर शाह ने कहा कि वे चार हजार से घटकर 721 हो चुकी हैं। ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आतंक के खिलाफ रणनीति से ही संभव हो पाया है।

तीन वर्षों में ही आया 56 हजार करोड़ का निवेश : अमित शाह ने अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में हुए निवेश बारे भी रैली में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर 2019 तक जम्मू कश्मीर में 15 हजार करोड़ का औद्योगिक निवेश आया था जबकि वर्ष 2019 से अब तक 56 हजार करोड़ का निवेश आ चुका है। यह मोदी जी की औद्योगिक नीति का ही कमाल है। इसके अलावा अब तक दो लाख लोगों को घर दिया गया है। पांच लाख लोगों तक स्वच्छ जल पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी गुज्जर और बकरवाल तीनों को एसटी आरक्षण का प्रस्ताव है। जल्द ही पहाड़ी भाइयों को आरक्षण का लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को लड़ाना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि पहाड़ी भी आएंगे लेकिन गुज्जर, बकरवाल का एक अंश भी नहीं जाएगा।


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